जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से रविवार रात जारी एक अन्य आदेश में पुलिस अधिकारियों से टैक्सियों की यात्री क्षमता और पेट्रोल पंपों की ईंधन क्षमता की सूचना जुटाने को भी कहा गया है.
बीते तीन जुलाई को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के हाफ़िज़ सईद सहित संगठन के 13 लोगों पर आतंक रोधी अधिनियम के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज किए गए थे.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल को जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के कथित दुरुपयोग पर रिपोर्ट जारी करने के लिए प्रशासन द्वारा श्रीनगर में प्रेस वार्ता की अनुमति नहीं दी गई. संगठन ने राज्य में 42 साल से लागू इस क़ानून को ख़त्म करने की मांग की है.
पैलेट विक्टिम वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से श्रीनगर में किया गया प्रदर्शन. प्रदर्शन में पैलेट गन से घायल सबसे छोटी बच्ची दो साल की हिबा निसार भी शामिल हुईं. कश्मीर घाटी में लोगों के प्रदर्शन को नियंत्रण के लिए सेना द्वारा अक्सर पैलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है.
श्रीनगर लोकसभा सीट के तहत आठ विधानसभा सीटें हैं. सूत्रों ने बताया कि ईदगाह, खनयार, हब्बा कदल और बटमालू इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर किसी ने वोट नहीं डाला. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले के दो गांवों के लोगों ने भी सड़क और पुनर्वास की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया.
भाजपा मतदाताओं को यह दिखाने के लिए कि वह आतंक पर सख़्त है, उस मौजूदा कश्मीर नीति से छेड़छाड़ कर रही है, जो अलगाववादियों के साथ सामंजस्य लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. एक ऐसी नीति, जो राज्य को बर्बादी की कगार से वापस लाई थी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह माना जा रहा था कि चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ टकराव होगा ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे अवतार के रूप में सामने आ सकें, जिसके बिना भारत का गुज़ारा हो ही नहीं सकता.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एडवाइज़री जारी करते हुए कहा था है कि आतंकवाद के चलते पाकिस्तान जाने से पहले दोबारा सोचें अमेरिकी नागरिक.
बीती 26 जनवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई पत्रकारों ख़ासकर फोटोग्राफरों को वैध पास होने के बावजूद भी कथित तौर पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. एडिटर्स गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमारी कोशिशों के बावजूद कुछ युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए और कुछ मारे भी गए. हमें इस पर दुख और अफ़सोस है. हम हिंसा के माहौल में हैं और हिंसा, हिंसा को जन्म देती है.
मेजर लीतुल गोगोई के एक स्थानीय महिला के साथ पाए जाने के मामले में श्रीनगर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि जांच असली तथ्यों का पता लगाए बिना बेहद लापरवाह तरीके से की गई है.
अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक अपहृत रिश्तेदारों की संख्या 11 हो गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि वह इन मामलों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.
बीते 23 मई को मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर के एक होटल में विवाद होने के बाद हिरासत में लिया था, वे तब एक 18 वर्षीय महिला के साथ होटल में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
संविधान का अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है. यह एक संवैधानिक प्रावधान है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को राज्य के स्थायी निवासियों को परिभाषित करने की अनुमति देता है.