झारखंड के लातेहार जिला प्रशासन ने यह कहते हुए मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि भूख से मौत को साबित करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है.
घटना बिहार के भोजपुर ज़िले के आरा की है. मुसहर समुदाय से आने वाले आठ वर्षीय राकेश की मौत 26 मार्च को हो गई थी. उनकी मां का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उनके पति का मजदूरी का काम बंद था, जिसके चलते 24 मार्च के बाद उनके घर खाना नहीं बना था.
परिवारवालों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना भी नहीं था, इसलिए भूख से बुजुर्ग की मौत हो गई. वहीं, प्रशासन ने भूख से मौत होने की बात से इनकार किया है.
झारखंड के रामगढ़ ज़िले के मांडू प्रखंड के नवाडीह गांव का मामला. खंड विकास अधिकारी ने भूख से मौत होने की बात को नकारा लेकिन स्वीकार किया कि परिवार का राशन कार्ड नहीं बना था.
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर का मामला. मई में मुक़दमा दर्ज करने के बाद ससुराल पक्ष के छह आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया.
चतरा के इटखोरी में कचरा बीनने का काम करती थी महिला. बेटे ने बताया कि वह चार दिन से भूखी थीं. झारखंड के ही गिरिडीह ज़िले में रविवार को कथित तौर पर भूख से एक और महिला की मौत हो गई थी.
गिरिडीह ज़िले के मंगरगड्डी गांव में रहने वाली महिला का परिवार छह महीने से मांगकर पेट भर रहा था. प्रभारी उपायुक्त ने कहा कि भूख से नहीं हुई मौत. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और मुखिया ने मौत की वजह भूख बताई.
मीडिया बोल की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वर्ल्ड हंगर इंडैक्स में भारत की स्थिति और अयोध्या में राम की प्रतिमा के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.