जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिफ़ा उर रहमान को दिल्ली दंगों के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. रहमान ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा है कि जेल प्रशासन उन्हें उनके वकील से मिलने नहीं दे रहा है.
दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपी छात्राओं के बयानों के सहारे दावा किया है कि योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी, जयती घोष, प्रोफेसर अपूर्वानंद जैसे लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘किसी भी हद तक जाने को कहा था’ और सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराज़गी बढ़ाई. हालांकि पुलिस का कहना है कि इन लोगों के नाम बतौर आरोपी शामिल नहीं हैं.
पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता को दिल्ली दंगे संबंधी मामले में गिरफ़्तार किया गया था. ज़मानत मिलने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन पर यूएपीए के तहत भी एक मामला दर्ज है.
सीएए प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने एक याचिका में कहा था कि क्राइम ब्रांच उन पर लगे आरोपों के संबंध में चुनिंदा तरीके से सूचनाएं सार्वजनिक कर रही है और भ्रामक जानकारी फैला रही है, जिससे उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा ख़तरे में है.
पिंजरा तोड़ सदस्य देवांगना कलीता की गिरफ़्तारी के बाद हुए कुछ ट्वीट्स पर दिल्ली पुलिस को आपत्ति थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि ट्वीट्स में जिहादी, वामपंथी साज़िश जैसे नैरेटिव 'हिंदुत्व की मशीनरी' द्वारा फैलाने की बात की गई है, लेकिन यह नहीं कहा गया कि पुलिस यह मशीनरी है.
सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता की एक याचिका पर पुलिस द्वारा दायर हलफनामे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कई आरोप लगाए गए हैं जो याचिका के दायरे से परे हैं और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ जाफराबाद हिंसा के एक आरोपी शाहरुख ने अपने बयान में पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल का नाम लिया था. शाहरुख ने कहा कि हिंसा में आंखों की रोशनी लगभग खो देने के कारण उसे नहीं पता कि पुलिस ने उससे जिस बयान पर दस्तख़त कराए, उसमें क्या लिखा था.
फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने स्थानीय अदालत में हज़ार पन्नों से अधिक की चार्जशीट दायर की है. आप से निष्काषित हुए स्थानीय पार्षद ताहिर हुसैन के वकील का कहना है कि पुलिस उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ एक भी सबूत नहीं पेश कर पाई है और उन्हें साज़िशन फंसाया जा रहा है. हुसैन आरोपी नहीं पीड़ित हैं.
पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया था. चूंकि कलीता एक और मामले में गिरफ्तार हैं और उनसे पूछताछ चल रही है, इसलिए वे अभी जेल में बंद रहेंगी.
दिल्ली पुलिस इस बात पर यक़ीन करने को कह रही है कि फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे एक षड्यंत्र है और इसमें वे ही लोग शामिल हैं जिन्होंने किसी न किसी रूप में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. पुलिस को यह पटकथा उसके राजनीतिक आकाओं ने दी और जांच एजेंसियों ने इसे कहानी के रूप में विकसित किया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले से ही हिरासत में ली गईं पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता और जेएनयू की शोध छात्रा नताशा नरवाल को दिल्ली दंगा मामले में गिरफ़्तार किया है. पुलिस का कहना है कि दंगे की साज़िश रचने में नताशा की भूमिका को लेकर उनके पास पुख़्ता सबूत हैं.
वीडियो: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली दंगों के षड्यंत्र रचने के आरोप में कई छात्रों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से अधिकतर छात्र सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में शामिल थे. छात्र नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है.
दिल्ली कोर्ट ने कहा कि केस के तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, किसी हिंसा में शामिल नहीं थे.
गिरफ़्तार की गईं दोनों कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएं हैं. पिंजरा तोड़ संगठन की ओर से कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बीते कुछ महीनों में कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. हम इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं.