पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता पर आरोप तय होने तक उनके बारे में सूचनाएं प्रसारित न करे पुलिस: हाईकोर्ट

सीएए प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने एक याचिका में कहा था कि क्राइम ब्रांच उन पर लगे आरोपों के संबंध में चुनिंदा तरीके से सूचनाएं सार्वजनिक कर रही है और भ्रामक जानकारी फैला रही है, जिससे उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा ख़तरे में है.

/
देवांगना कलीता. (फोटो: अखिल कुमार)

सीएए प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने एक याचिका में कहा था कि क्राइम ब्रांच उन पर लगे आरोपों के संबंध में चुनिंदा तरीके से सूचनाएं सार्वजनिक कर रही है और भ्रामक जानकारी फैला रही है, जिससे उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा ख़तरे में है.

देवांगना कलीता. (फोटो: अखिल कुमार)
देवांगना कलीता. (फोटो: अखिल कुमार)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को दिल्ली दंगा मामले में ‘पिंजरा तोड़’ की कार्यकर्ता और जेएनयू छात्रा देवांगना कलीता के खिलाफ आरोप तय होने और मुकदमा शुरू होने तक आरोपों पर सूचनाएं प्रसारित करने से दिल्ली पुलिस को रोक दिया.

कलीता के संबंध में पुलिस द्वारा बयान देने पर रोक लगाते हुए जस्टिस विभु बाखरू की एकल पीठ ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दंगों के मामले संवेदनशील होते हैं.

देवांगना कलीता ने याचिका दायर कर मांग की थी कि पुलिस को निर्देश दिया जाए कि जब तक जांच लंबित है तब तक उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों/सबूतों को मीडिया में लीक न किया जाए.

31 वर्षीय जेएनयू छात्रा कलीता को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. अभी वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

कलीता के खिलाफ कुल चार एफआईआर दायर हैं, जिसमें से एक पिछले साल दिसंबर में दरियागंज में एक विरोध प्रदर्शन में कथित रूप से शामिल होने को लेकर है और बाकी मामले उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के संबंध में हैं.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में चुनिंदा तरीके से सूचनाएं सार्वजनिक कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके संबंध में जो जानकारी फैलाई जा रही है वो भ्रामक है.

कलीता ने कहा कि पुलिस मीडिया के साथ कुछ जानकारियां साझा कर रही है और आरोपों तथा कथित सबूतों के संबंध में सूचनाओं का खूब प्रचार किया जा रहा है, जिसके कारण एफआईआर में शामिल आरोपियों का मुकदमा प्रभावित होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की भ्रामक जानकारी से उनकी एवं उनके परिवार की सुरक्षा को खतरा है.

इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने उन ट्वीट्स का विरोध किया था, जो कलीता को हिरासत में लेने के बाद किए गए थे. पुलिस ने कहा कि ट्वीट्स में उन्हें कथित तौर पर ‘हिंदुत्व मशीनरी’ कहकर संबोधित किया जाना और कुछ नहीं बस हमारे देश को नुकसान पहुंचाना है.

इस पर जस्टिस बाखरू ने कहा था कि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह किसी संस्था के खिलाफ नहीं है. उनका कहना है कि जिहादियों, नारीवादियों, वामपंथी साजिशों आदि जैसे नैरेटिव हिंदुत्व की मशीनरी द्वारा प्रसारित किए जा रहे हैं. पर उन्होंने यह नहीं कहा कि पुलिस यह मशीनरी है.’

इसके साथ ही पुलिस का कहना था कि कलीता अपने बारे में मीडिया ट्रायल चलवाकर सहानुभूति लेना चाहती हैं. इस पर भी कलीता द्वारा आपत्ति जताई गई थी.

साथ ही कलीता ने ‘उन आरोपों को भी ख़ारिज करने’ की अपील की थी, जो पुलिस द्वारा बीते 2 जून को मीडिया को एक प्रेस नोट की शक्ल में दिए गए थे.

उनके वकील का कहना था कि मीडिया में जिस तरह से जानकारी लीक हुई है, वह चयनात्मक है, जो गंभीर पूर्वाग्रह पैदा करती है.

इस पर दिल्ली पुलिस द्वारा कहा गया कि मीडिया में प्रेस नोट जारी करने का मतलब कलीता को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि उन तथ्यों को सही करना था जिसे समूह के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर डाला था.

हालांकि इस बारे में पुलिस द्वारा दिए गए हलफनामे से अदालत संतुष्ट नहीं हुई थी. हालांकि सोमवार को अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा मीडिया को जारी प्रेस नोट को खारिज करने की देवांगना की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

ज्ञात हो कि कलीता के अलावा पिंजरा तोड़ की एक अन्य सदस्य नताशा नरवाल को भी पुलिस ने 23 मार्च को दिल्ली हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया था.

नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्राएं हैं. कलीता जेएनयू की सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज की एमफिल छात्रा, जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज की पीएचडी छात्रा हैं. दोनों पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं.

पिंजरा तोड़ का गठन 2015 में किया गया था, जो हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं पर लागू तरह-तरह की पाबंदियों का विरोध करता है. संगठन कैंपस के भेदभाव वाले नियम-कानून और कर्फ्यू टाइम के खिलाफ लगातार अभियान चलाता रहा है.

दिल्ली हिंसा मामले में जामिया के शोधार्थी छात्र मीरान हैदर, सफूरा जरगरआसिफ इकबाल तन्हा और एल्युमनी एसोसिएशन ऑफ जामिया मिलिया इस्लामिया के अध्यक्ष शिफाउर्ररहमान खान को भी गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल जरगर और तन्हा जमानत पर बाहर हैं.

इन छात्रों पर राजद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने और दंगा करने के अपराध के लिए भी मामला दर्ज किया गया है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq