द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि उनके द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही राजनीतिक चंदे के स्रोतों के नाम सामने आए हैं. हालांकि, हक़ीक़त यह है कि मोदी सरकार ने चंदादाताओं के नाम छिपाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी.
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वीवीपैट और ईवीएम के बारे में विशेषज्ञों द्वारा कई चिंताएं उठाई जा चुकी हैं. पूर्व में ईवीएम और वीवीपैट वोटों की गिनती के बीच कथित विसंगतियों के बीच आवश्यक है कि सभी वीवीपैट पर्चियों की सावधानीपूर्वक गिनती की जाए.
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पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना इसे ग़ैरक़ानूनी ठहराने वालीं शीर्ष अदालत की एकमात्र जज थीं. उन्होंने अब कहा है कि जिस तरह से नोटबंदी की गई, वह सही नहीं था.
चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद 28 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड छपाई पर 'तुरंत रोक लगाने' के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए शादियों में ‘अनियंत्रित और अनुचित’ फायरिंग के विनाशकारी परिणामों का ज़िक्र करते हुए कहा कि समारोहों के दौरान जश्न में फायरिंग करना दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन प्रचलित प्रथा है.
हिरासत में मौत के मामले में एक पुलिस कॉन्स्टेबल को दी गई ज़मानत रद्द करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारी एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक प्रभाव डाल सकता है.
बीते 21 मार्च को बाराबंकी की एमपी-एमएलए अदालत ने मुख़्तार अंसारी की एक अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए बांदा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह 29 मार्च तक अंसारी को कथित तौर पर ज़हर दिए जाने के मामले में उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में एक रिपोर्ट पेश करें.
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख़्तार अंसारी की एक अस्पताल में मृत्यु के बाद उनके परिजनों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, बांदा की जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी को अचेतावस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अंसारी के परिजनों द्वारा लगातार जेल में उनकी जान को ख़तरा होने की बात कही जा रही थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना मामले में बीते वर्ष 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके दो दिन बाद ही बॉन्ड बिक्री के अगले चरण की घोषणा कर दी गई. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसके बाद हुई 29वें और 30वें चरण की बिक्री में क्रमश: 99% और 94% बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग वाले बेचे गए.