असम पब्लिक वर्क (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन ख़र्च किया हो, वह ख़र्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है.
उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी का कहना है कि अयोध्या विवाद के समाधान के बाद ऐसे और मसले उठ खड़े होंगे क्योंकि देश में ऐसे ग्यारह और विवादित स्थल हैं. इसलिए पूर्वजों की गलतियां सुधारते हुए मुस्लिमों को देश में शांति के लिए इन्हें हिंदुओं को दे देना चाहिए.
कोर्ट ने इसके लिए 400 वर्ग मीटर भूमि देने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. इससे पहले केंद्र ने मंदिर पुनर्निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर भूमि देने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में कहा था कि केंद्र इस संबंध में तीन हफ्ते के भीतर दिशानिर्देश जारी करे.
मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत के ख़िलाफ़ कथित तौर पर एक फ़र्ज़ी सेक्स सीडी वायरल करने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा और तीन अन्य आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर दोबारा बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 200 वर्ग मीटर जमीन देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, आंदोलनकारियों ने सरकार की पेशकश को धोखा करार देते हुए मानने से इनकार कर दिया है.
उच्चतम न्यायालय ने बीते 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और यह एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है.
दिल्ली की अदालत में दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में क़रीब 10 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस एसए बोबडे के नाम की सिफ़ारिश करते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिखा है.
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को छोड़कर मामले के अन्य मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दाखिल कर कहा है कि वे उन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करते हैं, जो मीडिया में लीक हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुलंदशहर में सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर के प्रबंधन से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कोई क़ानून हो.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर संबंधित हाईकोर्ट के पास जाएं.
अयोध्या विवाद के फ़ैसले के मद्देनज़र न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने सभी चैनलों से कहा है कि वे इस मामले की ख़बर देते समय सतर्कता बरतें और तनाव पैदा करने वाली भड़काऊ बहसों से दूर रहें.