13 पॉइंट रोस्टर लागू करने का फ़ैसला देश की अब तक प्राप्त सभी सामाजिक उपलब्धियों को ख़त्म कर देगा. इससे विश्वविद्यालय के स्टाफ रूम समरूप सामाजिक इकाई में बदल जाएंगे क्योंकि इसमें भारत की सामाजिक विविधता को सम्मान देने की कोई दृष्टि नहीं है.
केंद्र सरकार ने कहा कि यह ज़रूरी है कि कानूनी इंटरसेप्शन (निगरानी) के अनुरोध का मामला कार्यपालिका अधिकारियों द्वारा देखा जाना चाहिए ताकि फैसले लेने में गति और तत्परता बरकरार रखी जा सके.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि अधिनियम के तहत वास्तव में दावों का खारिज होना आदिवासियों को बेदखल करने का आधार नहीं है. अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर दावे के खारिज होने के बाद किसी को बेदखल किया जाए.
16 राज्यों के करीब दस लाख आदिवासियों को उनका घर-गांव छोड़ने का शीर्ष अदालत का आदेश दिखाता है कि हमारी व्यवस्था एक बार फिर आदिवासियों के हितों की रक्षा करने और उन्हें यह भरोसा दिलाने में विफल रही है कि आज़ाद देश में उनके साथ अंग्रेजों के समय जैसा अन्याय नहीं होगा.
कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि क्या आप गंभीरता से यह समझते हैं कि इतने सालों से चल रहा यह पूरा विवाद संपत्ति के लिए है? हम सिर्फ संपत्ति के अधिकारों के बारे में निर्णय कर सकते हैं परंतु हम रिश्तों को सुधारने की संभावना पर विचार कर रहे हैं.
सैन्य अधिकारियों की बेटियों की ओर से दाख़िल याचिका में कहा गया है कि पथराव करने वालों के ख़िलाफ़ आत्मरक्षा के लिए की गई जवानों की कार्रवाई पर भी मामले दर्ज किए जा रहे हैं. इस तरह की घटनाओं को लेकर वे परेशान हैं.
24 वर्षीय जिब्रान नज़ीर का आरोप है कि ट्रैफिक सिग्नल पर विवाद होने के दौरान जब उन्होंने बताया कि वह जम्मू कश्मीर के पत्रकार हैं तब दो लोगों ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ इस बात को भी तय करेगी की कि इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होनी है या नहीं. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका को भी इसी में शामिल किया गया है.
प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप के तहत देशभर के कॉलेजों, संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में जम्मू कश्मीर के मेधावी छात्रों को प्रवेश दिया जाता है.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियों के साथ दुर्व्यवहार की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.
जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर, 2018 तक देश भर में 19.39 लाख दावों को खारिज कर दिया गया था. इस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 20 लाख आदिवासी और वनवासियों को जंगल की ज़मीन से बेदखल किया जा सकता है.
कोर्ट ने केंद्र और 10 राज्यों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि राज्यों के नोडल अफसर कश्मीरी और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तथा भेदभाव को रोकें.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से 16 राज्यों के आदिवासी प्रभावित होंगे.
बीते 14 दिसंबर के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को ठुकरा दी थी.