जस्टिस कर्णन ने ज़मानत और सज़ा संबंधी याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए मौखिक आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.
‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’
राज्य सरकार ने सवाल उठाया है कि बाढ़ में जनहानि होने पर क्या प्रभावित व्यक्ति इन नदियों के अभिभावक बनाए गए अधिकारी के ख़िलाफ़ नुकसान के लिये मुकदमा दर्ज करा सकता है या ऐसे वित्तीय बोझ को उठाने के लिये राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के अभाव में कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कोई भी व्यक्ति न्यायालय नहीं आया है. हम सिर्फ आशंका पर रोक नहीं लगा सकते हैं.
राजग से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने 2012 में भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण के बचाव में गवाही दी थी.
श्रीलंकाई नागरिक रॉबर्ट पायस ने सरकार को लिखा- जब रिहाई की संभावना नहीं, तो ज़िंदा रहने का क्या मतलब है. 11 जून को पायस को जेल में कैद रहते हुए 26 साल हो गए हैं.
अब तक तीन तलाक़, हलाला, मुता निक़ाह जैसी कुप्रथाएं चली आ रही हैं. उनके ख़िलाफ़ आपने कभी आवाज़ नहीं उठाई. जब प्रताड़ित मुस्लिम औरतें ख़ुद बाहर निकलीं तो सेक्युलरिज़्म याद आ रहा है!
शीर्ष अदालत ने एक व्यक्ति की दोषसिद्धी और उम्रकैद की सजा को खारिज करते हुए अपने फैसले में यह टिप्पणी की.
सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीएसई द्वारा नीट परीक्षा 2017 के परिणामों की घोषणा करने पर रोक लगाई थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘बहुत अच्छा लगा लखनऊ में कई मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि हिंदू समाज को सौंपने की वकालत की है.’
आडवाणी, जोशी, उमा भारती, विनय कटियार ने ख़ुद को आरोपों से बरी किए जाने का आवेदन अदालत में दिया, जिसे न्यायाधीश ने ख़ारिज कर दिया.
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत कई बड़े नेता बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत के सामने पेश हुए.
साक्षात्कार: छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.
आरबीआई और सूचना आयोग का रवैया सरकारी बैंकों से 6 लाख करोड़ रुपयों का ऋण डकारने वालों को राहत देगा.