क्योंझर के निवासी मोहन माझी संथाल जनजाति के सदस्य हैं. संथाल भारत के सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संथाल हैं. वह क्योंझर के सीमावर्ती मयूरभंज ज़िले की निवासी हैं. ये दोनों ज़िले मिलकर राज्य का अत्यंत विस्तृत आदिवासी भूगोल रचते हैं.
सितंबर 2022 में सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके को क्योंझर जेल में बंद ग्राहम स्टेंस की हत्या के दोषी दारा सिंह से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी, जिसके बाद चव्हाणके और मोहन चरण माझी सहित कई भाजपा नेता जेल अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए धरने पर बैठ गए थे.
सुदर्शन न्यूज़ ने हाल ही में एक रिपोर्ट में अज़मत अली ख़ान नाम के एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए 'जिहादी' कहा था. इसे चुनौती देने वाली ख़ान की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि चैनल तुरंत वीडियो को हटाए, अगर वह ऐसा नहीं करता है तो सोशल मीडिया मंच उसे ब्लॉक कर दें.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर बीते 5 फरवरी को बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के समर्थकों ने ‘सनातन धर्म संसद’ का आयोजन किया था, जिसके मुख्य वक्ता ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हथियार उठाने का आह्वान किया. दिल्ली पुलिस ने वक्ताओं और आयोजनकर्ताओं पर कार्रवाई करने के बजाय इस संबंध में सूचना देने वाले एक ट्विटर हैंडल को नोटिस भेजा है.
समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके ने 18 नवंबर की सुबह रिसेप्शन पार्टी के आमंत्रण की एक तस्वीर ट्वीट की और हैशटैग ‘लव जिहाद’ और ‘आतंकवादी कृत्य’ का इस्तेमाल करते हुए इसे दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड से जोड़ दिया, जिसके बाद दक्षिणपंथी संगठनों ने इस आयोजन का विरोध किया था.
शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें दिल्ली और हरिद्वार में हुए ‘धर्म संसद’ कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण की एसआईटी जांच के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि दिसंबर 2021 को हिंदू युवा वाहिनी द्वारा राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में किसी भी समुदाय के ख़िलाफ़ कोई नफ़रत व्यक्त नहीं की गई थी.
देश के सुरक्षा बल राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं, जिसे नफ़रत और कट्टरता चाहने वाली ताक़तें पसंद नहीं करती हैं.
हरियाणा के अंबाला शहर में हुए आयोजन का कथित वीडियो ट्विटर पर शेयर किया गया है, जिसमें सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख सुरेश चव्हाणके, शहर विधायक असीम गोयल और अन्य को कहते सुना जा सकता है कि हम हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ लेते हैं. इन लोगों ने इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर ‘बलिदान देने या लेने’ की भी बात कही.
रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सेना द्वारा आयोजित इफ़्तार आयोजन की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए धर्मनिरपेक्षता की परंपरा बताया गया था, जिस पर निशाना साधते हुए सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने कहा था कि धर्मनिरपक्षता की बीमारी भारतीय सेना में भी घुस गई है. इसके तुरंत बाद ही पीआरओ ने ट्वीट डिलीट कर दिया.
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को एक हलफ़नामे के ज़रिये सूचित किया था कि पिछले साल 19 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित ‘धर्म संसद’ में किसी समुदाय के ख़िलाफ़ कोई भी नफ़रत भरा भाषण नहीं दिया गया था. अदालत ने इससे अप्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए पुलिस को ‘बेहतर हलफ़नामा’ दाख़िल करने का निर्देश दिया है.
सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके ने यह नया विवाद तब खड़ा किया, जब हफ्ते भर पहले सोशल मीडिया पर 10 उम्मीदवारों की एक सूची वायरल हुई. सूची में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के नाम थे, जिन्हें पवन हंस लिमिटेड कंपनी के प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए चुना गया था. ये सभी मुस्लिम हैं. चैनल का आरोप है कि सरकारी उपक्रमों द्वारा हिंदुओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में सुदर्शन टीवी के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके दिल्ली में 19 दिसंबर को आयोजित हिंदू युवा वाहिनी के एक कार्यक्रम में यह शपथ दिलाते नज़र आ रहे हैं.
राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरराज मीणा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 23 जुलाई की शाम सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने उन्हें और पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी. यह भी कहा गया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.
सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने फ़लस्तीन पर इज़रायल के हमले का समर्थन करते हुए अपने एक कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ में सऊदी अरब की एक मस्जिद पर मिसाइल दागते हुए दिखाया था. ऐसा करने के लिए चैनल ने रूपांतरित ग्राफिक का सहारा लिया था. चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हानके ने शो में कहा था कि इज़रायल का समर्थन करें क्योंकि वह अपने दुश्मनों और जिहादियों की सही तरीके से हत्या कर रहा है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि कार्यक्रम की कड़ियों में जो विषयवस्तु दिखाई जा रही थी, वे अच्छे नहीं हैं, अपमानजनक हैं और सांप्रदायिक विचारों को प्रोत्साहित करते हैं. सुदर्शन टीवी के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के एपिसोड के ट्रेलर में हैशटैग यूपीएससी जिहाद लिखकर नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र का खुलासा करने का दावा किया गया था.