आरोपी पुलिसवालों को बरी करने पर इशरत जहां की मां ने कहा- शुरू से एकतरफ़ा थी सुनवाई

2004 में 19 वर्षीय इशरत जहां की अहमदाबाद के बाहरी इलाके में हुई एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी. मुठभेड़ को जांच में फ़र्ज़ी पाया गया था और सीबीआई ने सात पुलिस अधिकारियों को आरोपी बताया था. इनमें से तीन को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया गया. इससे पहले तीन अन्य आरोपी अधिकारी बरी किए जा चुके हैं, जबकि एक की बीते साल मौत हो गई थी.

इशरत जहां मुठभेड़: अदालत ने बाकी बचे तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को भी आरोप मुक्त किया

साल 2004 में मुंबई के नज़दीक मुम्ब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां तीन अन्य लोगों के साथ अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई थीं. जांच में ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी निकली थी. मामले के तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मी- पीपी पांडेय, डीजी वंजारा, एनके अमीन पहले ही आरोपमुक्त किए जा चुके हैं, जबकि जेजी परमार की बीते साल मौत हो गई.

इशरत जहां एनकाउंटर: तीन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे की मंज़ूरी से गुजरात सरकार का इनकार

2004 के इशरत जहां फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत के निर्देश के बाद गुजरात सरकार से तीन आरोपी पुलिस अधिकारियों पर मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी थी, जिससे राज्य सरकार ने मना कर दिया.

इशरत जहां एनकाउंटर: अदालत ने आरोपमुक्ति का आग्रह करने वाली पुलिस अफ़सरों की याचिकाएं ख़ारिज की

गुजरात में अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में साल 2004 को गुजरात पुलिस के साथ कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में इशरत जहां समेत तीन अन्य लोग मारे गए थे. इशरत जहां मुंबई के समीप मुंब्रा की कॉलेज छात्रा थीं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात के दो पुलिस अधिकारियों ने दिया इस्तीफा

फर्ज़ी मुठभेड़ के आरोप में कई साल न्यायिक हिरासत में रह चुके एनके अमीन और तरुण बारोट को रिटायर होने के बाद गुजरात सरकार ने पुलिस अधीक्षक पद पर नियुक्त किया था.