हिंदी दिवस और राजकीय पाखंड

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बोलने वालों की संख्या के आधार पर हिंदी संसार की पांच बड़ी भाषाओं में एक है. पर ज्ञान, परिष्कार, विपुलता आदि के कोण से देखें तो तथ्य यह है कि हिंदी, चीनी या जापानी या कोरियाई की तरह ज्ञान-विज्ञान की भाषा नहीं है, न उस ओर अग्रसर ही है.

कल्पना और कौशल के बिना स्वतंत्रता कहीं भी संभव नहीं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: परम स्वतंत्रता न तो जीवन में संभव है और न ही सृजन में. फिर भी सृजन में ऐसी स्वतंत्रता पा सकना संभव है जो व्यापक जीवन में नहीं मिलती या मिल सकती.

डिजिटल तानाशाही पर आई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत का ज़िक्र आया

'तानाशाही प्रथाओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल' को दर्ज करने वाले 'अनफ्रीडम मॉनिटर' प्रोजेक्ट में 20 देश शामिल थे. रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ पार्टी और उनके 'फॉलोवर्स' का ज़िक्र 'सूचना को नियंत्रित करने की मांग करने वाली सरकारों' पर हुई चर्चा में किया गया है.

हम लोगों से किए गए प्राइवेसी के वादे को कभी नहीं तोड़ेंगे: सिग्नल निदेशक मेरेडिथ ह्विटेकर

साक्षात्कार: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ ह्विटेकर का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित किया जाना चाहिए. साथ ही वे मानती हैं कि यूज़र्स की निजता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने इंटरनेट पर ‘ग़ैर क़ानूनी’ व्यवहार के ख़िलाफ़ कड़े क़ानून लाने की मांग की

अहमदाबाद में 25वें अखिल भारतीय फॉरेंसिक साइंस सम्मेलन में एनएचआरसी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और साइबरस्पेस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दी गई स्वतंत्रता से 'बड़ी नहीं' है.

नेहरू: वो प्रधानमंत्री, जिन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित भारत का सपना देखा

जन्मदिन विशेष: नेहरू विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्थापित अनेक संस्थाओं को ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ कहा करते थे. वे मूलत: धार्मिक न होने के बावजूद अक्सर धार्मिक परिभाषाओं का उपयोग कर आधुनिकता का पथ प्रशस्त करते थे, इसीलिए नेहरू ने ‘मंदिर’ इन्हीं को बनाया था.

भारत में विशेष रूप से सक्षम लोगों की आधी आबादी रोज़गार के योग्य: रिपोर्ट

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थिनसाइट के अनुसार, सही नीतियों व रणनीतिक बदलाव से देश में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की लगभग तीन करोड़ विशेष रूप से सक्षम आबादी में से क़रीब 1.3 करोड़ रोज़गार योग्य हैं, पर इसमें से केवल 34 लाख ही कहीं कार्यरत हैं.

भारत टेक्नोलॉजी और डेटा कंपनियों के एकाधिकार के ख़तरे को लंबे समय तक नज़रअंदाज़ नहीं कर सकेगा

अमेरिका में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एंटी-ट्रस्ट क़ानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन भारत में कॉम्पिटीशन कमीशन ने डेटा और डिजिटल कारोबार क्षेत्र में वर्चस्व के दुरुपयोग की बस संभावना जताई है. डिजिटल एकाधिकार के लिए कोई तय नियम न होने से ऐसी कोई घटना होने के बाद कार्रवाई करना कठिन हो सकता है.

राज्यों का सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 के दौरान 1.4 से 14.3 प्रतिशत तक घटने का अनुमान: रिपोर्ट

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद पर लॉकडाउन का सबसे गहरा असर दिख सकता है. वहीं, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसका असर सबसे कम रह सकता है.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: तकनीक बनाम परपंरा की जंग

ग्राउंड रिपोर्ट: भाजपा जहां सत्ता विरोधी भावना को भुनाने के लिए तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रही है, वहीं कांग्रेस वीरभद्र सिंह को आगे कर परंपरागत तरीके से प्रचार करके ये चुनावी बाज़ी जीतने की कोशिश में है.