तेलुगु फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए अप्रैल 2019 में तेलंगाना सरकार द्वारा गठित एक उप-समिति ने जून 2022 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. केसीआर सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. अब हेमा समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद इसे सार्वजनिक करने की मांग हो रही है.
बतौर साउंड आर्टिस्ट शुरुआत करने वाले फिल्म निर्देशक के. विश्वनाथ ने अपने छह दशक लंबे करिअर में तेलुगू सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी काफी लोकप्रियता हासिल की थी. उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके थे.
सुपरस्टार कृष्णा ने अपने पांच दशक से अधिक के करिअर में 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था. 1974 में आई तेलुगू भाषा की पहली सिनेमास्कोप फिल्म ‘अल्लूरी सीताराम राजू’ में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी. तेलुगू में पहली 70 एमएम की फिल्म ‘सिम्हासनम’ का निर्माण और निर्देशन भी उन्होंने किया था. उन्हें 2009 में पद्म भूषण सम्मान मिला था.
साल 1989 का एक वाकया सुनाते हुए तेलुगू अभिनेता चिरंजीवी ने बताया कि उनकी फिल्म ‘रुद्रवीणी’ को नरगिस दत्त सम्मान देने के लिए दिल्ली बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिनेमा के इतिहास को चित्रित करने वाली एक दीवार पर हिंदी सिनेमा की जानकारी भरी हुई थी, लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में बहुत ही कम जानकारी दी गई थी.
जय प्रकाश रेड्डी को तेलुगू फिल्मों में निभाए गए उनके हास्य और विलेन के किरदारों के लिए जाना जाता है. आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित उनके घर पर हृदय गति रुकने की वजह से उनका निधन हुआ. वह 74 वर्ष के थे.