वीडियो: एक मई से अमेरिकी फौज ने अफ़ग़ानिस्तान से बाहर जाना शुरू किया, तब तक वहां 407 ज़िलों में से 69 पर तालिबान का वर्चस्व था, लेकिन जून आते-आते इसने कई ज़िलों में अपनी पकड़ मजबूत की है. इस मुद्दे पर जेएनयू के प्रोफ़ेसर गुलशन सचदेव से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पुलवामा ज़िले के अवंतीपोरा इलाके के हरिपारिगाम में हुई घटना. सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक किसी आतंकवादी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. जम्मू कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है.
बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ज़मीनी स्थिति वैसी नहीं है जैसी दुनिया के सामने पेश की जा रही है. किसी के ख़िलाफ़ शिकायत हो है, तो उसे ऐहतियाती हिरासत में डाल दिया जाता है, ट्विटर पर असल भावना लिखने पर जेल हो जाती है. क्या इसे ही लोकतंत्र कहा जाता है.
वीडियो: केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को सर्वदलीय बैठक हुई. इस बारे में श्रीनगर से वरिष्ठ पत्रकार गौहर गिलानी, जम्मू से वरिष्ठ पत्रकार अनुराधा भसीन और द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से आरफ़ा ख़ानम़ शेरवानी की बातचीत.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर दलों ने राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने की मांग उठाई. बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.
आतंकवाद और संघर्ष समाधान की मध्यस्थता के लिए क़तर के विशेष दूत मुतलाक़ बिन माजिद अल क़हतानी की इस महत्वपूर्ण टिप्पणी के बाद भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आधिकारिक तौर पर अफ़गानिस्तान में भारत केवल अफ़गान सरकार को वैध हितधारक के रूप में मान्यता देता है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा के गठबंधन ‘गुपकर’ ने भी इस बैठक में शामिल होने की बात कही है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.
भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई, 2019 में भारत के पक्ष में फैसला देते हुए जाधव की फ़ांसी पर रोक लगा दी थी और सज़ा की समीक्षा के साथ भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी अवसर देने के लिए कहा था.
केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते छह जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक बैठक में शामिल हुए थे. इसके बाद से एक तरफ़ जहां जम्मू को अलग राज्य बनाने की अफ़वाह गर्म है, दूसरी ओर ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकती है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष जेल में बंद वहीद परा के ख़िलाफ़ पुलिस चार्जशीट का ज़िक्र कर कहा कि भारत सरकार के ग़लत क़दमों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले हर व्यक्ति को पाकिस्तानी एजेंट बता दिया जाता है.
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 'राज्य की सुरक्षा' के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों के मामलों की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के अंतर्गत पारित इस आदेश के तहत सरकार को हक़ है कि वो बिना जांच समिति का गठन किए किसी भी कर्मचारी को बर्ख़ास्त कर दे.
देश में 2017 से 2019 के बीच राष्ट्र विरुद्ध अपराधों के आरोप में प्रति वर्ष औसतन 8,533 मामले दर्ज किए गए. दुनिया का कोई देश अपने ही नागरिकों पर उसे नुकसान पहुंचाने के इतने केस दर्ज नहीं करता. अगर ये सब केस सच हैं तो दो बातें हो सकती हैं- या तो देश में असल में इतने गद्दार हैं, या देश के निर्माण में ही कोई मूलभूत गड़बड़ी है.
साल 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था. इस मामले 10 आरोपियों में से जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
भारत में एक नया रैडिकलाइजेशन शक्ल ले चुका है. इसे रोज़मर्रा का आतंकवाद कह सकते हैं. इसकी ख़ासियत यह है कि इसे 'इस्लामी आतंकवाद' से ठीक उलट हिंदुओं में व्यापक समर्थन प्राप्त है.