मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 1,500 से अधिक अपात्र लाभार्थियों को योजना के तहत धनराशि जारी कर दी गई और एसटी/एससी और अधिक वंचित लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के बजाय अन्य लोगों को तरजीह दी गई थी. वाहन वाले परिवारों के लिए यह सुविधा नहीं है, लेकिन ऐसे लोगों को लाभ दिए गए, जिनके पास वाहन थे.
किसानों के आंदोलन को रोकने के दौरान हरियाणा पुलिस की द्वारा की गईं कार्रवाइयों की आलोचना हो रही है, जिसमें राज्य के सीमावर्ती इलाकों में 170 से अधिक किसान घायल हो गए और 22 वर्षीय शुभकरन सिंह की मौत हो गई. पुलिस विरोध कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल कर रही है.
मणिपुर हाईकोर्ट की जस्टिस एमवी मुरलीधरन की एकल पीठ ने 27 मार्च 2023 को एक आदेश जारी कर मणिपुर की एन. बीरेन सरकार से राज्य की एसटी सूची में मेईतेई समुदाय को शामिल करने की सिफ़ारिश पर विचार करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने अपने ताज़ा आदेश में इसमें संशोधन कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बीते 20 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक टीवी रिपोर्टर से यह पूछने पर कि क्या उनके चैनल का मालिक दलित है, विवाद खड़ा हो गया था. एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र को हमेशा पत्रकारों को ख़तरे में डाले बिना निडर होकर रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए.
बीते 21 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान 61 वर्षीय किसान आत्मदाह करने की कोशिश की थी. किसान ने कहा कि बैंक लोन के बोझ के कारण उन्होंने यह क़दम उठाया. उन्होंने एक व्यक्ति के माध्यम से लोन लिया था, जिसने उनके साथ धोखाधड़ी कर दी थी.
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड दिल्ली में 662 से अधिक जन सुविधा परिसर चलाता है, जो झुग्गी बस्तियों में रहने वाली आबादी को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सेवा प्रदान करते हैं. परिसरों में कार्यरत केयरटेकर, सुपरवाइज़र और सफाई कर्मचारी बताते हैं कि उन्हें महीनों से भुगतान नहीं किया गया है. पीएफ और ईएसआईसी की सुविधा भी नहीं दी जा रही है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सोशल साइट ‘एक्स’ के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स ने घोषणा की है कि भारत सरकार ने उसे विशिष्ट एकाउंट और पोस्टों पर कार्रवाई करने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जो महत्वपूर्ण जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड के अधीन हैं. सोशल साइट ने कहा है कि वह इस आदेश से सहमत नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने अक्टूबर 2021 में दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंज़ूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. हालांकि उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था. इस आरोप के आधार पर सीबीआई ने मामले में दो मामले दर्ज किए थे.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने राज्य विधानसभा में कहा कि भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने राज्य में 108 मज़ारों को ध्वस्त कर दिया है. द्वारका से शुरू हुआ अतिक्रमण विरोधी अभियान पोरबंदर, अहमदाबाद, सूरत, पावागढ़, गिर सोमनाथ और जामनगर तक पहुंच गया है.
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के एक छात्र को मुंबई पुलिस ने इसलिए गिरफ़्तार कर लिया है, क्योंकि उसने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का संस्थान में जश्न मनाए जाने के ख़िलाफ़ विरोधस्वरूप वॉट्सऐप पर एक स्टोरी पोस्ट की थी. इससे पहले 22 जनवरी को संस्थान के एक और छात्र को गिरफ़्तार किया गया था.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है और अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.
बीते 7 फरवरी को हरियाणा की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने अयोध्या के ‘राम मंदिर’ को लेकर एक चर्चा का आयोजन किया था, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए दो छात्रों को पूरे सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया था. दोनों पर कार्यक्रम के दौरान ‘अपमानजनक और भड़काऊ बयान’ देने का आरोप है.
शीर्ष अदालत ने 2011 के एक फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि वन संबंधी 1996 के उसके फैसले का पालन किया जाए और राज्य 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत सभी वनों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए ‘भू-संदर्भित जिला वन-मानचित्र’ तैयार करें. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों निर्णयों का पालन नहीं किया गया है.