गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रसाधन मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा, बिधूना विधायक विनय शाक्य और धौरहरा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. इन सभी के समाजवादी पार्टी में जाने की बात कही जा रही है.
सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.
द वायर ने एक पड़ताल में गोपनीय ऐप टेक फॉग का ख़ुलासा किया है, जिसके इस्तेमाल से सोशल मीडिया ट्रेंड में हेरफेर और वॉट्सऐप फिशिंग किए जाने की बात सामने आई है. गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने गृह मंत्रालय से इसे लेकर संबंधित मंत्रालयों से समन्वय स्थापित कर 20 जनवरी तक समिति के सामने जवाब पेश करने को कहा है.
जम्मू विकास प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाने की मुहिम ने क्षेत्र में विरोध भड़का दिया है. आरोप हैं कि प्रशासन मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए चुनिंदा कार्रवाई कर रहा है.
सीआईसी ने दिसंबर 2021 में हॉकी इंडिया को आरटीआई के तहत उसके सदस्यों की पूरी सूची, उनके पदनाम, वेतन, सकल आय जैसी कई जानकारियां देने के निर्देश दिए थे, जिसे उसने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने कहा कि वह एक सार्वजनिक प्राधिकरण है और ऐसी जानकारी देने से मना नहीं कर सकता.
सरकार का यह क़दम अक्टूबर 2020 में कथित टीआरपी घोटाले के बाद रेटिंग के निलंबन के साल भर बाद आया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीआरपी सेवाओं के उपयोग के लिए ‘रिटर्न पाथ डेटा’ क्षमताओं का लाभ उठाने पर विचार के लिए प्रसार भारती के सीईओ की अध्यक्षता में एक ‘कार्य समूह’ का गठन भी किया है.
2014 में मुरादाबाद ज़िले के कांठ थाना क्षेत्र के एक मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने पर प्रशासन के ख़िलाफ़ भाजपा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. अब एक विशेष अदालत ने प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोपी कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी और स्थानीय भाजपा विधायक रितेश कुमार गुप्ता समेत सभी 74 आरोपियों को बरी कर दिया है.
बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट 2022 दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव इंडोर हॉल में चल रहा है. बुधवार को दिल्ली में कोविड-19 के 27,561 मामले दर्ज किए गए हैं.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने द्वारा अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग पर समिति के गठन से नाराज़ विपक्षी दलों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन भाजपा और संघ मुख्यालय द्वारा चलाया जा रहा है.
सरकार ने नवंबर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के तहत नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को बिक्री की मंज़ूरी दी थी, जिसके ख़िलाफ़ सीईएल कर्मचारी संघ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था. अब सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को देखने वाले दीपम ने कहा कि नंदल फाइनेंस द्वारा लगाई गई बोली में कम मूल्यांकन के आरोप की जांच की जा रही है.
रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कालीचरण के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मामले दर्ज किए गए हैं. पुणे पुलिस ने एक अन्य कार्यक्रम में कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में बीते सप्ताह उन्हें गिरफ़्तार किया था, जिसमें कोर्ट ने सात जनवरी को उन्हें ज़मानत दे दी थी.
योगी सरकार में वन मंत्री और मऊ की मधुबन सीट से विधायक दारा सिंह चौहान ने कहा कि वे पिछड़ों, किसानों और बेरोज़गार युवाओं के प्रति सरकार की उपेक्षा के चलते इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उधर, इससे पहले पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर की एक अदालत ने सात साल पुराने मामले में गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया है.
आरोप है कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के एक होटल में पार्टी करके रात में लौट रहे ट्रांसजेंडर समुदाय के चार लोगों को कुछ पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार ने रास्ते में रोककर उन्हें एक महिला पुलिस स्टेशन ले गए थे, जहां उन्हें जबरन निर्वस्त्र कराया गया.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनआईए महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त करते हुए कहा कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता.
दिल्ली हाईकोर्ट कई ग़ैर-सरकारी संगठनों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने का अनुरोध किया है. याचिकाकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 375 की संवैधानिकता को यह कहते हुए चुनौती दी है कि यह विवाहित महिलाओं के साथ उनके पतियों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के मामले में भेदभाव करती है.