सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता को लेकर स्कूलों को बंद करने के फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए शुक्रवार को कहा कि स्कूलों को बंद करने का फैसला उनका नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार का था. अदालत ने कहा कि जान-बूझकर या अनजाने में एक संदेश भेजा जा रहा है कि अदालत खलनायक है और वह स्कूल बंद करने का आदेश दे रही है.
दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएट्ज़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन के मरीज़ों में हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इसके गंभीर मामले भी आ सकते हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज को इस आधार पर ज़मानत दी है कि उनके ख़िलाफ़ निश्चित अवधि में आरोपपत्र दायर नहीं किया गया.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने एनआईए द्वारा कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ की यूएपीए के तहत गिरफ़्तारी पर चिंता जताई थी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे मानवाधिकारों पर आतंकवाद के नकारात्मक प्रभाव की बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा है कि किसानों को ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों की ख़रीद के लिए ऋण प्रदान करने के लिए अडानी कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. एसबीआई किसानों की आय को दोगुना करने के लिए, किसान उत्पादक संगठनों आदि के वित्तपोषण के लिए कई ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ अवसरों की तलाश कर रहा है.
भारत के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद और वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रणब सेन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ीं समस्याओं का एकमात्र उपाय सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देना है, लेकिन इसके लिए केंद्र और राज्यों के बीच राजनीतिक मतभेदों को दूर करने की ज़रूरत है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा खंभा है, लेकिन यह धीरे-धीरे अपनी विश्वसनीयता और अखंडता खो रहा है. समिति ने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद और समाचार प्रसारण एवं डिजिटल मानक प्राधिकरण जैसे मौजूदा नियामक निकायों के प्रभाव सीमित हैं, क्योंकि उनके पास अपने निर्णयों को लागू करने की शक्ति नहीं है.
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार के पास लंबित 126 प्रस्तावों में से सर्वोच्च अदालत के कॉलेजियम ने 35 नामों को स्वीकार करने के लिए भेजा है, जो कि न्याय विभाग के लंबित हैं. वहीं अन्य 75 सिफारिशें भी इसी विभाग के पास लंबित हैं. इसी तरह 13 प्रस्ताव कानून एवं न्याय मंत्रालय और तीन प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय में विचाराधीन हैं.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम क़ानून (यूएपीए) के तहत 80 लोगों को दोषी ठहराया गया, जबकि 2019 में 34 लोगों को दोषी ठहराया गया था. यूएपीए के तहत ज़मानत पाना बहुत ही मुश्किल होता है और जांच एजेंसी के पास चार्जशीट दाख़िल करने के लिए 180 दिन का समय होता है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पत्रकारों पर हमले के संदर्भ में विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता. गृह मंत्रालय ने मीडियाकर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से क़ानून का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के लिए 2017 में राज्य सरकारों को एक परामर्श जारी किया गया था.
पत्रकारों ने मांग की कि संसद परिसर और प्रेस गैलरी में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर लगा ई गई सभी रोक को तत्काल हटाया जाना चाहिए और उन्हें पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. विपक्ष ने भी इन मांगों का समर्थन किया है. पिछले वर्ष कोविड-19 फैलने के बाद से संसद सत्र के दौरान सीमित संख्या में मीडियाकर्मियों को संसद परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के निलंबन आदेश में कहा गया है कि सरकार ने उनके ख़िलाफ़ कुछ अनियमितताओं और चूक को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है, जिसमें ड्यूटी से अनधिकृत अनुपस्थिति भी शामिल है. परमबीर सिंह पिछले छह महीने में महाराष्ट्र होमगार्ड प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद पेश नहीं हुए हैं.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने संसद में बताया कि सरकार की ओर से सिर पर मैला ढोने वालों की धर्म और जाति को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है. हालांकि इनकी पहचान करने के लिए मैनुअल स्केवेंजर अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण किए गए हैं. इन सर्वेक्षणों के दौरान मैला ढोने वालों की पहचान की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय समिति को बताया कि केंद्र व राज्य सरकारें 'सार्वजनिक सुरक्षा' और 'सार्वजनिक आपातकाल' की दलील देकर इंटरनेट प्रतिबंधित करते हैं, लेकिन भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम में ये शब्दावली परिभाषित नहीं है. समिति की रिपोर्ट के अनुसार, परिभाषा के अभाव के चलते प्रशासन आए दिन रोज़मर्रा के पुलिस एवं प्रशासनिक कामों के लिए भी इसका सहारा ले रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक़, साल 2016 से 2020 के दौरान 4,177 विदेशी व्यक्तियों को भारत की नागरिकता दी गई है.