स्मृति शेष: मन्नू भंडारी को पढ़ते वक़्त ज़िंदगी अपने सबसे साधारण, निजी से भी निजी और सबसे विशुद्ध रूप में सामने आती है- और हम तुरंत ही उससे कुछ अपना जोड़ लेते हैं. मन्नू भंडारी की रचनाएं किसी समाज को बदलकर रख देने का वादा नहीं करती और न स्वयं लेखक ही पाठक को इस मुगालते में रखती हैं.
भारत में जिस दल की केंद्रीय स्तर पर सरकार है और जो ‘स्वयंसेवी संगठन’ वर्चस्व की स्थिति में है उसका दबाव अकादमिक कार्यक्रमों और लोगों के सामान्य वैचारिक निर्माण पर स्पष्ट है. इस प्रक्रिया में किसी शब्द के अर्थ को इतना संकुचित कर दिया जा रहा है कि उसकी अर्थवत्ता ही संदिग्ध हो जा रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान ख़ुर्शीद की किताब पर रोक लगाने की याचिका ख़ारिज करते हुए की थी. फ़ैसले के विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि असहमति का अधिकार जीवंत लोकतंत्र का सार है. संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर सिर्फ किसी के लिए अप्रिय होने की आशंका के आधार पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती.
कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को 'विवादित' शख़्सियत बताया है.
भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रचार सचिव अरुण के. छिब्बर ने दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ते हुए कहा कि पार्टी बढ़ रही है, लेकिन इसके लिए खून-पसीना बहाने वाले पुराने लोगों की उपेक्षा की जा रही है, उन्हें अपमानित किया जा रहा है.
संविधान दिवस समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि अदालतों में मामले लंबित होने का मुद्दा बहुआयामी है. विधायिका अपने द्वारा पारित क़ानूनों के प्रभाव का अध्ययन नहीं करती और इससे कभी-कभी बड़े मुद्दे उपजते हैं. ऐसे में पहले से मुक़दमों का बोझ झेल रहे मजिस्ट्रेट हज़ारों केस के बोझ से दब गए हैं.
वीडियो: एक साल से जारी ऐतिहासिक किसान आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ खोया है. इस दौरान क़रीब 700 से ज़्यादा किसानों की मौत हुई, किसी ने आत्महत्या की, तो किसी की बीमारी के चलते जान गई. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से बातचीत.
ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का निर्णय संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले आया है. इस सत्र के दौरान तीन कृषि क़ानून निरस्त करने के लिए विधेयक पेश किया जाना है. इसके साथ ही किसान संगठनों ने केंद्र से उनकी लंबित मांगों के समाधान के लिए फिर से बातचीत शुरू करने का भी आह्वान भी किया है.
मामला रांची का है, जहां महीने में दूसरी बार ऐसी घटना हुई है. इससे पहले 11 नवंबर को डोरंडा में दो कश्मीरी व्यापारियों से मारपीट की गई थी और उन्हें जय श्रीराम और पाकिस्तान मुर्दाबाद कहने को मजबूर किया गया था. हालिया मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
जेएनयू छात्र शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली की अदालत ने इमाम को उनके इसी भाषण के लिए ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग जातिवाद, क्षेत्रवाद, बेईमानी और भ्रष्टाचार फैलाते थे, दंगे करवाते थे. हमारी सरकार आई तो हमने प्रदेश को दंगा मुक्त किया और साढ़े चार वर्ष में एक भी दंगा नहीं हुआ.
25 नवंबर को इलाहाबाद के फाफामऊ के मोहनगंज गोहरी गांव में दो महिलाओं व एक बच्चे समेत दलित परिवार के चार सदस्यों की नृशंस हत्या की गई थी. आरोप है कि परिवार की नाबालिग लड़की की हत्या से पहले उससे गैंगरेप भी किया गया. आरोपियों में कथित उच्च जाति के कई लोग शामिल हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, नगालैंड, मेघालय, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
वॉट्सऐप या फेसबुक के उलट एप्पल विवादित नहीं है और मोदी सरकार द्वारा इसे काफी ऊंचे पायदान पर रखा जाता है. इस पृष्ठभूमि में अब तक पेगासस के इस्तेमाल को नकारती आई भारत सरकार के लिए एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम में हुई सेंधमारी के संबंध में कंपनी के निष्कर्षों को नकारना बहुत मुश्किल होगा.
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम 21वीं सदी में रहते हैं, हमारे पास चमचमाती सड़कें हैं, लेकिन बहुत से लोग जो उन पर चलते हैं, आज भी जाति व्यवस्था से प्रभावित हैं. हमारा मस्तिष्क कब चमकेगा? हम कब अपनी जाति आधारित मानसिकता का त्याग करेंगे.