सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं ले, वार्ता करें और हमारी मांगें मान ले: किसान संगठन

केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते छह महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान आंदोलन में 470 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. कई आंदोलनकारियों को अपनी नौकरियां, पढ़ाई एवं दूसरे काम छोड़ने पड़े. सरकार अपने नागरिकों, अन्नदाताओं के प्रति कितना अमानवीय एवं लापरवाह रुख़ दिखा रही है.

कोविड संकट: जब सोशल मीडिया पर लोग मदद मांग रहे थे, तब केंद्रीय मंत्री सरकार के गुणगान में लगे थे

दैनिक भास्कर ने नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट के दस मंत्रियों के ग्यारह सौ से अधिक ट्वीट्स का विश्लेषण किया है, जिसके अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इन मंत्रियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये एक भी कोविड पीड़ित को ऑक्सीजन सिलेंडर या अस्पताल बेड दिलाने में मदद नहीं की.

स्वास्थ्य मंत्रालय जनहित में कोरोना संबंधी जानकारी स्वत: सार्वजनिक करे: सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय के ख़िलाफ़ जानकारियां छिपाने को लेकर दायर शिकायतों पर सुनवाई कर रहा था, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय के अधिकारी ने कोरोना टीकाकरण से संबंधित सूचनाओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया था.

लिव-इन रिलेशनशिप नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का यह रुख़ ऐसे रिश्तों को मान्यता देने वाले उच्चतम न्यायालय के रुख़ से अलग है. उच्चतम न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मई 2018 में कहा था कि वयस्क जोड़े को शादी के बगैर भी साथ रहने का अधिकार है. न्यायालय ने कहा था कि एक महिला चुन सकती है कि वह किसके साथ रहना चाहती है.

पंचायत चुनाव ड्यूटी में कोविड से केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई: उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने हालिया पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की कोविड संक्रमण से मृत्यु का दावा करते हुए एक करोड़ रुपये मुआवज़े और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी. बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को ग़लत ठहराया है.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मस्जिद ढहाए जाने को लेकर रोष, उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामसनेही घाट तहसील परिसर में स्थित मस्जिद को प्रशासन ने 17 मई की शाम को ढहा दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने एक सदी पुरानी मस्जिद को कथित रूप से ढहाए जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सरकार से इस वारदात के ज़िम्मेदार अफसरों को निलंबित कर मामले की न्यायिक जांच कराने और मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग की है.

कोविड: मोदी की चर्चा के सीधे प्रसारण पर उठे सवाल, केजरीवाल के ऐसा करने पर जताई गई थी आपत्ति

कोविड पर जिलाधिकारियों और अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा का सीधा प्रसारण करने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूछा कि इसका निर्धारण कैसे किया जाएगा कि कौन सी बैठक का सीधा प्रसारण किया जा सकता है. ​बीते महीने प्रधानमंत्री के साथ बैठक का अरविंद केजरीवाल द्वारा सीधा प्रसारण करने पर मोदी ने आपत्ति जताई थी.

किसान आंदोलन टूलकिट मामला: कोर्ट ने जवाब दाख़िल नहीं करने पर केंद्र को लगाई फटकार

किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर जारी एक टूलकिट में संलिप्तता के आरोप में बीते 13 फरवरी को पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ़्तार किया गया था. अदालत ने बीते 17 मार्च को दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाख़िल करने के लिए केंद्र सरकार को आख़िरी मौका दिया था. आरोप है कि किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.

मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार-कार्यकर्ता रासुका के तहत फ़िर गिरफ़्तार

मणिपुर राज्य के भाजपा प्रमुख एस. टिकेंद्र सिंह का बीते 12 मई को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से निधन हो गया था. पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक एकाउंट के ज़रिये अलग-अलग पोस्ट में श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि गाय का गोबर या गोमूत्र कोविड-19 से बचाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा था कि इसका इलाज विज्ञान और कॉमन सेंस है.

मध्य प्रदेश: अस्पताल में चूहों ने कुतरा नवजात का पांव, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

मामला मध्य प्रदेश के इं​दौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय का है. प्रशासन ने एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया. इसके अलावा अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है.

क़ानूनों की सख़्ती को मानवता के चलते स्थगित किया जा सकता है

इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.

लाल बहादुर वर्मा: जीवन प्रवाह में बहते एक इतिहासकार का जाना…

स्मृति शेष: लाल बहादुर वर्मा इतिहास की आंदोलनकारी और विचारधर्मी भूमिका के समर्थक थे. वे किताब से ज़्यादा इंसानों में विश्वास करते थे. केवल बैठे रहकर वे किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करते थे, वे भारत के हर लड़ते हुए मनुष्य के साथ खड़े थे.

कोविड-19: मीडिया से ख़राब स्वास्थ्य सुविधाओं की शिकायत करने पर यूपी के गांववालों पर एफ़आईआर

द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि गौतमबुद्धनगर ज़िले के मेवला गोपालगढ़ के लोगों का एक नीम के पेड़ के नीचे ‘इलाज’ हो रहा है. ज़िला प्रशासन ने गांव के पूर्व प्रधान समेत दो लोगों पर अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाया है. आरोप के अनुसार, दोनों प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और ज़िला प्रशासन की छवि को ख़राब करने के इरादे से अफ़वाह फैलाकर गांववालों को गुमराह कर रहे हैं.

कोविड: टीकाकरण पर सियासी खींचतान की बजाय राज्यों को साथ लेकर समयबद्ध नीति लाए केंद्र

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे सही वैक्सीन नीति लागू करने को लेकर कार्यपालिका की बुद्धि पर भरोसा करना चाहिए. पर हक़ीक़त यह है कि भारत में स्पष्ट तौर पर कोई भी घोषित राष्ट्रीय वैक्सीन नीति है ही नहीं. सच यह भी है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अमल के लिए केंद्र और राज्य अलग इकाइयों के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था ‘राम भरोसे’: इलाहाबाद हाईकोर्ट

मेरठ ज़िला अस्पताल में भर्ती एक मरीज़ की मौत के बाद शव का निस्तारण ‘अज्ञात’ में कर देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उत्तर प्रदेश इसके लिए तैयार है.