मामला आरा के सदर अस्पताल का है, जहां कोविड-19 की जांच के लिए क़रीब 300 स्वैब सैंपल इकट्ठा किए गए थे. बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश में अस्पताल में जलभराव हुआ, जिसके चलते सैंपल पानी में बह गए.
यूजीसी ने छह जुलाई को सभी संस्थानों को सितंबर के अंत तक टर्मिनल सेमेस्टर या अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित कराने की सलाह दी थी. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और पंजाब ने यूजीसी के इसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
मामला तिरुवनंतपुरम के पुन्थुरा इलाके का है. इलाके में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद प्रशासन ने उसको कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस परीक्षण के लिए नमूना लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए लोगों को क्वारंटीन सेंटर ले जा रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के चलते ईमेल, फैक्स और वॉट्सऐप सहित विभिन्न डिजिटल माध्यमों से नोटिस भेजने को मंज़ूरी देते हुए कहा कि वॉट्सऐप पर दो ब्लूटिक दिखने का मतलब माना जाएगा कि इसे पाने वाले ने नोटिस या समन देख लिया है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान मुठभेड़ के 61 मामलों में पुलिस ने क्लोज़र रिपोर्ट भी दायर कर दी है, जिसे अदालतों ने स्वीकार भी कर लिया था.
वीडियो: उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने शुक्रवार को दावा किया था कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में बीते नौ जुलाई को गिरफ़्तार किए गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को कानपुर लाते समय पुलिस दल की एक गाड़ी पलट गई. इस दौरान वह भागने की कोशिश कर रहा था, तो पुलिस को गोली चलानी पड़ी.
पिछले साल दिसंबर में झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में 13 साल की एक बच्ची को कुछ लोगों ने जबरन एसिड पिला दिया था. वह दो महीने तक बोल नहीं पाई थी, इसलिए दो महीने बाद फरवरी में इस संबंध में केस दर्ज किया जा सका था और पुलिस अब तक आरोपी को पकड़ नहीं सकी है.
मामला बुलंदशहर का है, जहां बीते साल फरवरी में एक नाबालिग से बलात्कार किया गया था. परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी उन्हें धमकाता था और उन पर मामले में समझौता करने का दबाव डाला जा रहा था.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे की कथित मुठभेड़ को कांग्रेस, सपा और बसपा ने उसके राजनीतिक संरक्षकों को बचाने की साजिश करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की.
विभिन्न राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की फीस माफ़ करने और नियमित स्कूल शुरू होने तक फीस नियंत्रित किए जाने की मांग की थी.
मज़दूरी संहिता विधेयक, 2019 में मज़दूरी, बोनस और उससे जुड़े मामलों से जुड़े क़ानून को संशोधित और एकीकृत किया गया है. राज्यसभा ने इसे दो अगस्त 2019 और लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को पारित कर दिया था.
बचपन से ही सुनते आए हैं कि गुरु-शिष्य परंपरा के समाप्त हो जाने से ही शिक्षा व्यवस्था में सारी गड़बड़ी पैदा हुई है. लेकिन इस परंपरा की याद किसके लिए मधुर है और किसके लिए नहीं, इस सवाल पर विचार तो करना ही होगा.
मध्य प्रदेश से हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को कानपुर ला रही यूपी पुलिस की टीम के काफ़िले के पीछे चल रहे मीडियाकर्मियों ने बताया है कि 'एनकाउंटर' से कुछ ही मिनट पहले अचानक पुलिस द्वारा उस सड़क पर वाहनों को रोक दिया गया.
मामला बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय का है, जहां एक प्रोफेसर पर फेसबुक की प्रोफाइल पिक्चर में पाकिस्तान का झंडा लगाने का आरोप है. प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 थीम की तस्वीर लगाई, लेकिन भूलवश दूसरी तस्वीर लग गई, ग़लती का एहसास होने पर उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में दिए एक फ़ैसले का हवाला देते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषित पानी छोड़कर पानी को गंदा करने वाले दिल्ली के रहवासियों से पर्यावरणीय मुआवज़ा वसूल किया जाए.