राष्ट्रीय महासचिव का पद तृणमूल कांग्रेस में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है. इसके अलावा संगठन में कई अन्य बदलाव किए गए हैं, जिसमें सांसद काकाली घोष दस्तीदार को महिला इकाई का प्रमुख बनाया गया और अभिनेत्री से नेता बनीं सायोनी घोष को युवा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया. वहीं प्रवक्ता कुणाल घोष को पार्टी की राज्य समति का महासचिव नियुक्त किया गया है.
पूर्व पत्रकार स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर तारकेश्वर सीट से खड़े हुए थे और हार गए. अब राज्यसभा सीट से इस्तीफ़ा देने के बावजूद वे दोबारा मनोनीत होकर सदन में अपना बाकी कार्यकाल पूरा करेंगे.
नारदा स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फ़रहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कलकत्ता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को बीते 17 मई को गिरफ़्तार किया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट के एक जज जस्टिस अरिंदम सिन्हा ने इस मामले की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि हमारा आचरण हाईकोर्ट की गरिमा के अनुरूप नहीं है और हम मज़ाक बनकर रह गए हैं.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन टेप मामले में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार में दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फ़रहाद हाकिम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को बीते 17 मई को गिरफ़्तार किया था. उन्हें उसी दिन सीबीआई की एक विशेष अदालत से ज़मानत मिल गई थी, लेकिन सीबीआई इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट चली गई, जिसने ज़मानत उसी दिन रात में ज़मानत पर रोक लगा दी.
पश्चिम बंगाल कैबिनेट के प्रस्ताव को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनकी मंज़ूरी के बाद आवश्यक मंज़ूरी के लिए इसे राज्य विधानसभा के पास भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान उम्र की वजह से टिकट सूची से बाहर रखे गए वरिष्ठ नेताओं के लिए विधान परिषद बनाए जाने का वादा किया था.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार चार नेताओं में से दो- टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जेल में तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले सोमवार को निचली अदालत से मिली ज़मानत पर रोक लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को जेल भेज दिया था.
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफ़ा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमज़ोरी को नहीं दर्शाता.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
भाजपा ने इंडिया टुडे के पत्रकार अभ्रो बनर्जी के फोटो का इस्तेमाल करते हुए दावा किया वह पश्चिम बंगाल के सीतलकुची में मारे गए उनके पार्टी कार्यकर्ता मानिक मोइत्रा हैं. बाद में भाजपा ने अपनी सफाई में कहा कि पत्रकार की तस्वीर गलती से वीडियो में शामिल हो गई.
पश्चिम बंगाल के चुनाव के नतीजों की कई व्याख्याएं हो सकती हैं, और होनी भी चाहिए. लेकिन हर व्याख्या की शुरुआत यहीं से करनी होगी कि पश्चिम बंगाल के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी की एक नहीं सुनी.
वीडियो: भाजपा नेताओं और उनके सेलिब्रिटी समर्थकों द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा को ‘सांप्रदायिक’ के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शेष भारत के हिंदुओं को डराना और सांप्रदायिक बनाना है. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और प्रो. अपूर्वानंद की बातचीत.
कई सालों से मोदी-शाह की जोड़ी ने चुनाव जीतने की मशीन होने की जो छवि बनाई थी, वह कई हारों के कारण कमज़ोर पड़ रही थी, मगर इस बार की चोट भरने लायक नहीं है. वे एक ऐसे राज्य में लड़खड़ाकर गिरे हैं, जो किसी हिंदीभाषी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं करता कि वे उनके राज्य को कैसे बदलने की योजना रखते हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि पद संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 स्थिति से निपटने की होगी. उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद प्रदेश में जारी हिंसा के मद्देनज़र लोगों शांति बरतने की भी अपील की. देश में आज के समय में बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि अधिकारी को अपने जीवन का ख़तरा था इसलिए उन्होंने फिर से मतगणना के आदेश नहीं दिए.
बंगाल के समाज के सामूहिक विवेक ने भी उस ख़तरे को पहचाना, जिसका नाम भाजपा है. तृणमूल कांग्रेस की यह जीत इसलिए बंगाल में छिछोरेपन, लफंगेपन, गुंडागर्दी, उग्र और हिंसक बहुसंख्यकवाद की हार भी है.