कोर्ट ने कहा कि सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर इसकी समीक्षा करें ताकि जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिले और संपन्न या सक्षम लोग इस पर अधिकार जमाए न बैठे रहें.
साल 2000 में अविभाजित आंध्र प्रदेश ने आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों के 100 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द करते हुए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जिसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश बराबर-बराबर भरेंगे.
बीते दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल में नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में इकठ्ठा हुए आदिवासियों ने कहा कि जिस जंगल में उनके पुरखों के अंश गड़े है, वे उस जगह पर अपने हक़ का इससे बड़ा और क्या सबूत दे सकते हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार की समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया है. जोगी ने इस आदेश को न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले के किरंदुल क्षेत्र के अंतर्गत बैलाडीला की एक पहाड़ी पर लौह अयस्क का भंडार है. आदिवासियों ने दावा किया कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ने इस पहाड़ी को अडानी समूह को सौंप दिया है.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले का मामला. हॉस्टल के अधीक्षक को निलंबित किया गया. पुलिस ने बताया कि गिरफ़्तार अधीक्षक के दफ़्तर से आपत्तिजनक वस्तुएं जब्त की गई हैं.
आदिवासियों की मांग है कि उनके धर्म को मान्यता दी जानी चाहिए और धर्म के कॉलम में उन्हें ट्राइबल या अबॉरिजिनल रिलीजन चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिए.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, सितंबर 2015 से अब तक कथित रूप से हुए घृणा-आधारित अपराधों के कुल 721 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दलितों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुए अपराधों की है.
बस्तर ज़िले के लोहांडीगुड़ा में टाटा के इस्पात संयंत्र के लिए साल 2008 में अधिग्रहित की गई थी आदिवासी किसानों की ज़मीन. कांग्रेस ने घोषणापत्र में किया था ज़मीन वापस दिलाने का वादा.
साक्षात्कार: दीपक गोस्वामी से बातचीत में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा, 'अच्छा हुआ कि अजीत जोगी ने अलग रास्ता पकड़ लिया. हमें विभीषण से मुक्ति मिली, हम बहुत खुश हैं.'
झारखंड के रामगढ़ ज़िले के मांडू प्रखंड के नवाडीह गांव का मामला. खंड विकास अधिकारी ने भूख से मौत होने की बात को नकारा लेकिन स्वीकार किया कि परिवार का राशन कार्ड नहीं बना था.
वर्तमान समाज को सहानुभूति की नहीं, समानुभूति की ज़रूरत है. आज नीति बनाने वालों में ही 'समानुभूति' का तत्व खत्म हो चुका है. नीति बनाते समय उन्हें आंकड़े चाहिए होते हैं, एहसास नहीं.
मृतक के परिवार ने पुलिस पर हिरासत में यातना देने का आरोप लगाया है. गुजरात राज्य में नए गो-संरक्षण क़ानून के तहत यह पहला मामला दर्ज़ हुआ था.