जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के अधिकारियों ने ज़मानत पर छूटे आतंक के आरोपियों की निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकर एंकलेट पेश की है, जिसे उन्हें पायल की तरह पैरों में पहनाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर ऐसा करने वाला देश का पहला पुलिस बल बन गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर में दिल्ली पुलिस को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज उन मामलों की संख्या बताने को कहा था, जिनमें उसने 90 दिनों की निर्धारित समयसीमा के भीतर आरोपपत्र दाखिल किए थे.
साल 2014 में वायनाड में एक सिविल पुलिस अधिकारी के घर पर हमला करने के मामले में 2015 में 67 वर्षीय आरोपी को गिरफ़्तार किया गया था. आरोपी तब से जेल में बंद था. एनआईए का आरोप है कि आरोपी ने नक्सली विचारधारा को बढ़ावा देने में शामिल एक समूह को हथियारों की आपूर्ति की थी.