दिल्ली दंगा: उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका लगातार 7वीं बार स्थगित, अब 31 जनवरी को सुनवाई होगी

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से जेल में हैं. उन पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

जम्मू कश्मीर: केंद्र ने यूएपीए के तहत मुस्लिम लीग के मसरत आलम गुट पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया

अलगाववादी नेता मसरत आलम भट की अध्यक्षता वाली मुस्लिम लीग पर बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि इसके सदस्य पाकिस्तान सहित विभिन्न स्रोतों के ज़रिये धन जुटाने और इसके प्रॉक्सी संगठन आतंकवादी गतिविधियों के समर्थन, जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव में शामिल रहे हैं.

हाईकोर्ट ने साल 2018 से जेल में बंद कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को रिहा करने का आदेश दिया

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान पर लगे जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को रद्द कर दिया है. समाचार पत्रिका ‘कश्मीर नैरेटर’ के रिपोर्टर आसिफ़ को 2018 में उन आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जिन्होंने उस साल श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी.

वर्ल्ड कप क्रिकेट फाइनल के बाद ‘पाक समर्थित नारे लगाने’ के आरोपी कश्मीरी छात्रों को ज़मानत

जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के सात कश्मीरी छात्रों को अंतरिम ज़मानत दे दी है. इन पर विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में भारत पर ऑस्ट्रेलिया की जीत का जश्न मनाने का भी आरोप लगा था. पुलिस ने छात्रों के ख़िलाफ़ आतंक के आरोप हटा दिए हैं.

अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में भड़काने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे: जम्मू कश्मीर डीजीपी

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा है कि हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो लोगों को भड़काने के लिए भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पीछे छिपते हैं. उनकी यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा पत्रकार फहद शाह को ज़मानत दिए जाने के अगले दिन आई है.

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने लगभग 2 साल के बाद कश्मीरी पत्रकार फहद शाह को ज़मानत दी

कश्मीरी पत्रकार और समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह को पहली बार पिछले साल 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर ‘आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन’ करने और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले में एक मुठभेड़ की कथित ‘ग़लत रिपोर्टिंग’ करके ‘देश के ख़िलाफ़ असंतोष’ पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

दिल्ली दंगा: सीएए विरोधी प्रदर्शनों के वीडियो की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंचीं देवांगना कलीता

फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की आरोपी छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर कहा है कि उन्हें मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और एक ग्रुप से संबंधित वॉट्सऐप चैट की ज़रूरत है. उन्होंने अदालत से इन्हें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की है.

गृह मंत्रालय ने सात मेईतेई ‘चरमपंथी’ संगठनों और उनके सहयोगियों पर 5 साल का प्रतिबंध बढ़ाया

मणिपुर में चल रहे संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सात ‘मेईतेई चरमपंथी संगठनों’ और उनके सहयोगियों पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध बढ़ाने की अधिसूचना में कहा गया है कि इनका कथित उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से मणिपुर को भारत से अलग करना और इस तरह के अलगाव के लिए मणिपुर के स्थानीय लोगों को उकसाना है.

ज़मानत पर बाहर आए आतंक के आरोपी की ‘जीपीएस ट्रैकर’ से निगरानी करेगी जम्मू-कश्मीर पुलिस

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के अधिकारियों ने ज़मानत पर छूटे आतंक के आरोपियों की निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकर एंकलेट पेश की है, जिसे उन्हें पायल की तरह पैरों में पहनाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर ऐसा करने वाला देश का पहला पुलिस बल बन गया है.

न्यूज़क्लिक पर छापेमारी में 250 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ज़ब्त किए जाने से पत्रकारों का कामकाज ठप

बीते ​3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत दर्ज एक केस के सिलसिले में समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक और इसके कर्मचारियों के यहां छापेमारी की थी. इस दौरान 90 से अधिक पत्रकारों के क़रीब 250 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ज़ब्त किए गए थे. लगभग एक महीने बाद भी इन्हें वापस नहीं करने से पत्रकारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है.

पत्रकार संगठनों ने मीडिया की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की

विभिन्न पत्रकार संगठनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि आज हमारे समुदाय को एक घातक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पत्रकारों के ख़िलाफ़ कठोर क़ानूनों का उपयोग तेज़ी से बढ़ गया है. ये क़ानून ज़मानत का प्रावधान नहीं करते, इसके तहत कारावास आदर्श है, न कि अपवाद.

वैश्विक निकाय ने ‘न्यूज़क्लिक’ पर कार्रवाई बंद करने और इसके संपादक की रिहाई का आह्वान किया

वैश्विक नागरिक समाज गठबंधन ‘सिविकस’ ने कहा है कि यह भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर पूर्ण हमला है और समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक की आलोचनात्मक और स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई है. यूएपीए के तहत इस वेबसाइट पर आरोप लगाना, स्वतंत्र मीडिया, कार्यकर्ताओं और नागरिकों को चुप कराने और परेशान करने का एक बेशर्म प्रयास है.