युवा असमिया कवि बर्षाश्री बुरागोहेन द्वारा सोशल मीडिया पर लिखी गई एक कविता को राष्ट्र के ख़िलाफ़ माना गया था. उन पर अलगाववादी समूह उल्फा (आई) का समर्थन करने का आरोप लगा था. बीते साल मई महीने में यूएपीए के तहत केस दर्ज उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
असम में जोरहाट के डीसीबी कॉलेज में बीएसएस गणित की दूसरे वर्ष की छात्रा को उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित रूप से कविता लिखने को लेकर बीते 18 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उसके बाद से वह गोलाघाट केंद्रीय कारागार में बंद थीं.
19 वर्षीय बर्षाश्री बुरागोहेन को सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी कविता पोस्ट करने के आरोप में बीते 18 मई को असम के गोलाघाट ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था. छात्रा ने कथित तौर पर उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) से जुड़ने की भी इच्छा ज़ाहिर की थी. कांग्रेस समेत विपक्ष दलों ने उनकी गिरफ़्तारी को लेकर असम सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस ने सवाल किया कि उल्फा से माफ़ी मांगने वाले मंत्री संजय किशन और गायक ज़ुबीन गर्ग के ख़िलाफ़
असम के तिनसुकिया से विधायक और कैबिनेट मंत्री संजय किशन ने बीते 13 मई को विधानसभा में प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ को झूठा कहा था. अगले दिन इस संगठन ने एक बयान जारी कर मंत्री से माफ़ी मांगने को कहा. उसके कुछ ही घंटों में मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर बरुआ से माफ़ी मांग ली थी.
प्रतिबंधित होने से पहले उल्फा के ब्रिटेन से मदद मांगने का खुलासा ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्स द्वारा कुछ गोपनीय दस्तावेजों को हाल में सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है. उल्फा के तत्कालीन तीन शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद बांग्लादेश में ब्रिटिश राजनयिक डेविड ऑस्टिन ने एक पत्र लिख ब्रिटेन को बताया था कि उल्फा इजरायल से प्रभावित है.
जोरहाट इलाके में उल्फा-आई और एनएससीएन-आईएम के सदस्यों के होने की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में जयंत बोरा को उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने उल्फा (आई) गुट के नेता परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. वहीं, उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने कहा कि यदि हम एक संप्रभु और स्वतंत्र असम के बारे में चर्चा करने और इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर आने में सक्षम हैं, तो हम निश्चित रूप से इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.