अवैध मज़ारों को ध्वस्त करने की बात कहते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ये नया उत्तराखंड है, यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी ना. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कुछ ही महीनों के बाद प्रदेश में समान नागरिक संहिता का क़ानून भी लागू करेंगे.
मिज़ोरम विधानसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने का प्रस्ताव पेश करते हुए गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि यूसीसी देश को विघटित कर देगा क्योंकि यह मिज़ो समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक, सामाजिक प्रथाओं, संस्कृतियों व परंपराओं को ख़त्म करने की कोशिश है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आज़ादी दी गई है. इसलिए हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मज़हबी आज़ादी का एहतराम करे, क्योंकि समान नागरिक संहिता लागू करना अलोकतांत्रिक होगा.
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह भी बताया कि 22वां विधि आयोग समान नागरिक संहिता से संबंधित मामले पर विचार कर सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें विधि आयोग से अनुरोध किया था, लेकिन इसकी अवधि 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गई.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समितियां गठित करने के उन राज्य सरकारों के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि संविधान राज्यों को इस तरह की समितियों के गठन का अधिकार देता है.
राज्यसभा में माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने राज्य सरकारों के समान नागरिक संहिता संबंधी क़ानून बनाने को लेकर प्रश्न किया था. इस पर केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता बनाए रखने के प्रयास में राज्यों को उत्तराधिकार, विवाह, तलाक़ जैसे मुद्दों से संबंधित व्यक्तिगत क़ानून बनाने का अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक समारोह में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता को लागू करके समानता की बात करता है, उसे अप्रभावी नहीं रहना चाहिए.
विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि इससे देश की विविधता की संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि इससे देश के सामाजिक ताने-बाने को क्षति पहुंचने की आशंका है. उन्होंने भाजपा सदस्य किरोड़ीमल मीणा मीणा से यह निजी विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया.
उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बीते मई महीने में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया था. इसे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक़, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले क़ानूनों के एक समान समूह के रूप में संदर्भित किया जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिति बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए. कोई व्यक्ति एक से ज़्यादा शादी क्यों करे. एक देश में दो विधान क्यों चलें, एक ही होना चाहिए.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम दीनदयाल उपाध्याय के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं. देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है. सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है. यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणा-पत्र का हिस्सा था.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा कि दोबारा चुने जाने पर हम संभावित ख़तरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताक़तों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें ख़त्म करने के लिए गुजरात में एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाएंगे. साथ ही सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम लाने का वादा किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. एक याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था कि मामले को सुन रही संविधान पीठ को नए सिरे से गठित करने की ज़रूरत है, क्योंकि पिछली पीठ के दो जज रिटायर हो चुके हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उनका दल समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करेगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि भाजपा राज्य में वक़्फ़ की संपत्तियों का सर्वे कराएगी, ताकि उनके ‘ग़ैरक़ानूनी’ इस्तेमाल को रोका जाए.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात सरकार के समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति गठित करने के निर्णय पर कहा कि क्या भाजपा इसे पूरे देश में लागू करने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतज़ार कर रही है!