पहली बार केंद्र ने स्वीकार किया कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी

केंद्र सरकार ने कहा है कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीज़ों की मौत की सूचना नहीं दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज़ की मौत की ख़बर नहीं मिली है.

केंद्र ने नहीं मांगी दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जानकारी: छत्तीसगढ़

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने इन मौतों की जानकारी कभी नहीं मांगी और ऐसे बयान से देश को गुमराह किया है.

यह कहना बिल्कुल ग़लत कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुईः दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री

राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस तरह की मौतों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं मांगा था. दिल्ली सरकार ने इस तरह की मौतों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया था,

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी में किसी की मौत की ख़बर नहींः केंद्र सरकार

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नियमित तौर पर कोरोना के मामले और मौत की संख्या के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करते हैं, लेकिन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी.

कोविड टीकाकरण में आई 60 फीसदी की कमी, कई राज्यों ने कहा- नहीं बचीं खुराक

साल के अंत तक सभी भारतीय वयस्कों को पूरी तरह से कोविड टीका लगाने की केंद्र की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर दिन कम से कम अस्सी लाख खुराक दी जानी है. हालांकि, खुराक की कमी के कारण कई राज्यों को टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है.

हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा- कौवैक्सीन की वैश्विक मान्यता सुनिश्चित करने के लिए क्या क़दम उठाए

भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को भारत में तीन जनवरी 2021 को मंज़ूरी दी गई थी, जिसके बाद यह देश की दो सबसे प्रमुख वैक्सीन में से एक बन गई थी. लेकिन कुछ ख़बरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं, उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि इस टीके को वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिली है.

महाराष्ट्र: टीके की कमी के बीच स्वास्थ्य मंत्री के गृह ज़िले को मिली अतिरिक्त खुराक

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते 31 मार्च को जब केंद्र से महाराष्ट्र को मिली 26.77 लाख वैक्सीन की खुराक को सभी ज़िलों में बांटा गया था, तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के गृह ज़िले जालना को उसके लिए आवंटित सत्रह हज़ार खुराक के साथ 60 हज़ार अतिरिक्त खुराक मिली थी.

कोरोना की दूसरी लहर: शवों का अंबार, मोदी के मंत्रियों का अहंकार

वीडियो: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है, बल्कि आबादी के कितने प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है, यह महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने मनमोहन सिंह की आलोचना की है.

कोविड-19 टीकों की कमी के चलते ‘टीका उत्सव’ मनाने में सक्षम नहीं: ओडिशा

ओडिशा सरकार ने केंद्र से अपील की है कि तत्काल राज्य को कम से कम 25 लाख कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों की आपूर्ति की जाए. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, तीन अप्रैल तक राज्य में 1,476 टीकाकरण केंद्र संचालित किए जा रहे थे लेकिन टीकों की कमी के कारण लगभग 700 केंद्रों को बंद करना पड़ा है.

प्रधानमंत्री ने ‘टीका उत्सव’ का आह्वान किया है पर राज्यों में टीका ही उपलब्ध नहीं है: अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना टीकाकरण में कोई राजनीति नहीं है, पर तथ्यों से स्पष्ट कि अनेक राज्यों में टीके की कमी है. गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में टीके की और 30 लाख खुराक उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में टीके का मौजूदा भंडार अगले दो दिन में ख़त्म हो जाएगा.

महाराष्ट्र समेत छह राज्यों ने की वैक्सीन की कमी की शिकायत, केंद्र ने कहा- कहीं कोई कमी नहीं

महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना ने राज्य में वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. केंद्र किसी भी राज्य को वैक्सीन की कमी का सामना नहीं करने देगा.

आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने के ख़िलाफ़ याचिका पर केंद्र को नोटिस

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले नियमों को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है. भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद शिक्षा) नियमन, 2016 में संशोधन कर आयुर्वेदिक पढ़ाई में पीजी कर रहे छात्रों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है.

आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति कोई ‘मिक्सोपैथी’ नहीं: आयुष मंत्री

केंद्रीय आयुष मंत्री नाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही शिक्षित हैं और उन्हें सर्जरी करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले का एलोपैथिक डॉक्टरों का एक तबका विरोध कर रहा है और इसे ‘मिक्सोपैथी’ या खिचड़ीकरण क़रार दिया है.

डॉक्टरों की स्वास्थ्य मंत्रालय से अपील, कोविड टीकाकरण के बाद हुई 13 मौतों की जांच हो

16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक विभिन्न राज्यों में 13 लोगों की जान गई है, इनमें से अधिकतर मौतें टीका लेने के बाद कुछ घंटों से लेकर पांच दिनों के भीतर हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से किसी भी मौत के लिए टीकाकरण के कारण होने को ख़ारिज किया है.

आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति का डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

दिल्ली एम्स के रेज़िडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने एक बयान में कहा यह क़दम न केवल पहले ही जड़ें जमा चुकी झोलाछाप व्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे लोगों की सुरक्षा भी ख़तरे में पड़ जाएगी. हम सरकार से इस अधिसूचना को तत्काल वापस लेने का अनुरोध करते हैं.