इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक आज़म ख़ान को अंतरिम ज़मानत दे दी. इसी मामले में ज़मानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर दर्ज याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा ज़ोर से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई है. इसी तरह की एक घटना चंदौली ज़िले में बीते एक मई को हुई थी, जहां एक पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान एक रेत व्यापारी की दो बेटियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर कम आवाज़ में बजाए जाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. योगी आदित्यनाथ के आदेश को उनके राजनीतिक करिअर के अगला क़दम माना जा रहा है, जो कि दिल्ली है.
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को 87 में से 86 मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने ज़मीन क़ब्ज़ाने के एक मामले में उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर नाराज़गी जताई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले चार दिसंबर 2021 को भी उनकी ज़मानत अर्ज़ी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो बृहस्पतिवार को दाख़िल किए गए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के निवासी इरफ़ान द्वारा दायर एक याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में ज़िला प्रशासन के दिसंबर 2021 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत मस्जिद में अज़ान के समय लाउडस्पीकर का उपयोग करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 2018 का एक सरकारी आदेश है, ध्वनि डेसिबल की तय सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं. ज़िलों को अब सख़्ती से इसका अमल करने का निर्देश दिया गया है. बीते हफ्ते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा की आज़ादी है, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज़ परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश बोर्ड की इंटरमीडिएट की अंग्रेज़ी परीक्षा का पेपर बीते 30 मार्च को लीक हो गया था. आरोप है कि इस संबंध में ख़बर लिखने के कारण बलिया के तीनों पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने इस मामले में डीएम-एसपी सहित ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही होने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने कहा कि प्रदेश के 30 ज़िलों में गौ-अभ्यारण्य बनाने जा रहे हैं. यह काम ज़मीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा और ख़ासतौर पर उन ज़िलों में किया जाएगा जहां जंगल मौजूद हैं. इन ज़िलों में लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत और उन्नाव शामिल हैं.
साल 2005 में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी. जनवरी 2021 में विश्वविद्यालय को दी गई 12.5 एकड़ से अधिक की ज़मीन वापस लेने का आदेश पारित किया था.
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा का अंग्रेजी का पेपर 30 मार्च को लीक हो गया था. इस आरोप में पुलिस ने बलिया के तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार किया है. स्थानीय पत्रकार संघों का आरोप है कि पत्रकारों को पेपर लीक होने की ख़बर करने के चलते फंसाया गया, जबकि पुलिस का कहना है कि पेपर लीक में उनकी भूमिका के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
दिसंबर 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने वसूली नोटिस जारी किए थे, जिस पर पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगाई तो उसने नोटिस वापस ले लिए थे, लेकिन अब नए सिरे से क्लेम ट्रिब्यूनल के माध्यम से फिर से नोटिस भेजे गए हैं.
62 वर्षीय मोहम्मद क़मर को अगस्त, 2011 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें वीज़ा अवधि से अधिक समय तक देश में रहने के लिए दोषी ठहराया था. छह फरवरी, 2015 को सज़ा पूरी करने के बाद वह साल 2015 में दिल्ली स्थित डिटेंशन सेंटर में पाकिस्तान निर्वासन के लिए भेजे गए थे. हालांकि, पाकिस्तान ने उसके निर्वासन को स्वीकार नहीं किया और वह अभी भी डिटेंशन सेंटर में ही हैं.
अयोध्या की राजस्व अदालत ने साल 1996 में दलित भूमि को महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाने की प्रक्रिया को अवैध बताते हुए उक्त ज़मीन को राज्य सरकार को सौंप दिया है.
राम मंदिर क्षेत्र के पास रसूख़दारों द्वारा ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त के गोरखधंधे में घिरी अयोध्या की एक चिंता यह भी है कि सत्ता समर्थित मूल्यहीन भव्यता के हवाले होती-होती वह राम के लायक भी रह पाएगी या नहीं?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ज़मीन की कथित तौर पर ख़रीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने ज़मीनों को औने-पौने दाम पर ख़रीदा है.