वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.
पैगंबर के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आरोप है कि प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को बुलडोज़र का इस्तेमाल करके गिरा दिया था. इस संबंध में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी. इधर, अलीगढ़ शहर में फ्लैग मार्च में पुलिस द्वारा बुलडोज़र शामिल किए जाने का मामला सामने आया है.
बीते 30 मार्च को यूपी बोर्ड की 12वीं की अंग्रेज़ी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इस संबंध में ख़बर लिखने के कारण बलिया के तीनों पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो पत्रकारों- अजित ओझा और दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ख़ुद को बचाने के लिए पत्रकारों को फंसाया था.
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान ने प्रेस वार्ता में बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनकी जड़ों में ज़हर डालने वाले उनके अपने ही हैं.
इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित ज़मीन इमामुद्दीन क़ुरैशी नाम के व्यक्ति की थी, जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए और भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. उनकी ज़मीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन सपा नेता ख़ान ने अन्य लोगों की मिलीभगत से उस भूखंड पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
सरकारी बयान में गया है कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी के पद से हटा दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी देवेंद्र सिंह चौहान को उनकी जगह राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक आज़म ख़ान को अंतरिम ज़मानत दे दी. इसी मामले में ज़मानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर दर्ज याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा ज़ोर से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो गई है. इसी तरह की एक घटना चंदौली ज़िले में बीते एक मई को हुई थी, जहां एक पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान एक रेत व्यापारी की दो बेटियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर कम आवाज़ में बजाए जाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. योगी आदित्यनाथ के आदेश को उनके राजनीतिक करिअर के अगला क़दम माना जा रहा है, जो कि दिल्ली है.
समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को 87 में से 86 मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने ज़मीन क़ब्ज़ाने के एक मामले में उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर नाराज़गी जताई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले चार दिसंबर 2021 को भी उनकी ज़मानत अर्ज़ी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो बृहस्पतिवार को दाख़िल किए गए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के निवासी इरफ़ान द्वारा दायर एक याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में ज़िला प्रशासन के दिसंबर 2021 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत मस्जिद में अज़ान के समय लाउडस्पीकर का उपयोग करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 2018 का एक सरकारी आदेश है, ध्वनि डेसिबल की तय सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं. ज़िलों को अब सख़्ती से इसका अमल करने का निर्देश दिया गया है. बीते हफ्ते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा की आज़ादी है, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज़ परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश बोर्ड की इंटरमीडिएट की अंग्रेज़ी परीक्षा का पेपर बीते 30 मार्च को लीक हो गया था. आरोप है कि इस संबंध में ख़बर लिखने के कारण बलिया के तीनों पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने इस मामले में डीएम-एसपी सहित ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही होने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग के निदेशक इंद्रमणि ने कहा कि प्रदेश के 30 ज़िलों में गौ-अभ्यारण्य बनाने जा रहे हैं. यह काम ज़मीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा और ख़ासतौर पर उन ज़िलों में किया जाएगा जहां जंगल मौजूद हैं. इन ज़िलों में लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत और उन्नाव शामिल हैं.
साल 2005 में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी. जनवरी 2021 में विश्वविद्यालय को दी गई 12.5 एकड़ से अधिक की ज़मीन वापस लेने का आदेश पारित किया था.