पिछले साल जुलाई महीने में ‘सुली डील्स’ नामक ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए पोस्ट की गई थीं. इस संबंध में दिल्ली और नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की गई थी. हालांकि अब तक इसके ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है. ‘बुली बाई’ पोर्टल मामले में भी केस दर्ज किया जा चुका है.
वीडियो: 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी पर आई डॉ. कफ़ील ख़ान की किताब 'द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी: ए डॉक्टर्स मेमॉयर ऑफ ए डेडली मेडिकल क्राइसिस' ने इस घटना को फिर चर्चा में ला दिया है. डॉ. कफ़ील से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सेंगर एवं पांच अन्य को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि प्रथमदृष्टया उनके विरुद्ध आरोप नहीं बनते हैं. हालांकि अन्य चार आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय करने का आदेश दिया गया है. सेंगर फिलहाल तिहाड़ जेल में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे हैं.
डॉ. कफ़ील ख़ान की किताब ‘द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी: अ डॉक्टर्स मेमॉयर ऑफ अ डेडली मेडिकल क्राइसिस' अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के सच को दफ़न करने की कोशिश को बेपर्दा करती है और व्यवस्था द्वारा उसकी नाकामी को छुपाने की साज़िश को सामने लाती है.
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश में साल 1991 में ऑनर किलिंग से संबंधित मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि वह पहले भी ऐसी हत्याएं रोकने के लिए कड़े क़दम उठाने के कई निर्देश जारी कर चुकी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जाति-आधारित प्रथाओं द्वारा क़ायम 'कट्टरता' आज भी प्रचलित है और यह सभी नागरिकों के लिए संविधान के समानता के उद्देश्य को बाधित करती है.
बीते सितंबर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में मिला था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि वे अपने शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी, उनके बेटे संदीप की वजह से ‘भारी मानसिक तनाव’ में थे, जिसके कारण उन्होंने यह क़दम उठाया.
11 नवंबर को ग़ाज़ियाबाद के लोनी बॉर्डर पर हुए 'एनकाउंटर' में सात मुस्लिम व्यक्तियों को अवैध गो-तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार करने से पहले गोली चलाई गई थी, जो सभी के पांव पर तक़रीबन एक ही जगह लगी थी. मामले में लोनी थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
कासगंज में साल 2018 में मारे गए चंदन गुप्ता के पिता कह रहे हैं कि नौजवानों को उस रास्ते नहीं जाना चाहिए जिस पर हिंदुत्ववादी या राष्ट्रवादी उत्साह या उन्माद में उनका बेटा चल पड़ा था. क्या उनकी नाराज़गी की वजह यह है कि वे इस मौत के बाद या उसके बदले जो चाहते थे, वह नहीं मिला? या वे इसके ख़तरे को समझ पाए हैं?
यूपी पुलिस द्वारा शामली की एक लड़की के परिवार की इच्छा के विरुद्ध शादी के मामले में लड़के के भाई और पिता को दिल्ली से स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ़्तार करने पर हाईकोर्ट ने पुलिस की कड़ी फटकार लगाई थी. इसके बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था.
साल 2018 में उत्तर प्रदेश के कासगंज में ‘तिरंगा यात्रा’ के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्ता के परिजनों ने योगी सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि उनके परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाए और शहर के एक चौराहे का नाम चंदन के नाम पर रखा जाए.
एनसीआरबी और क्राइम इन इंडिया की 2001-2020 की रिपोर्ट्स से तैयार किया गया डेटा बताता है कि कुल 1,888 में से 893 में पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए और 358 के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर हुए. हालांकि इन सालों में केवल छब्बीस पुलिसकर्मियों को दोषी साबित किया जा सका.
मथुरा जिले के वृंदावन में ‘निधिवन राज’ के प्रतिबंधित क्षेत्र का रात में वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में पांच लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है. ‘निधिवन राज’ में तुलसी के अति प्राचीन वृक्ष हैं. इसके बारे में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा रानी तथा उनकी सखियां आज भी रात में रासलीला के लिए यहां आते हैं. इस क्षेत्र में रात को रुकना प्रतिबंधित है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक नाबालिग लड़की के 'गुमशुदगी' के सिलसिले में अल्ताफ़ नाम के युवक को हिरासत में लिया गया था, जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया है कि लड़की 12 नवंबर को कासगंज रेलवे स्टेशन पर मिली.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक ‘गुमशुदा’ लड़की के मामले में हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय युवक अल्ताफ़ की पुलिस थाने में बीते 8 नवंबर को मौत हो गई थी. इसे लेकर एक एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस का दावा है कि अल्ताफ़ ने शौचालय के नल की टोटी से फांसी लगाकर आत्महत्या की है.
नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है.