स्मृति शेष: बीते 10 फरवरी को पाकिस्तान के प्रतिष्ठित शायर, नाटककार, अनुवादक अमजद इस्लाम अमजद का देहांत हो गया. मुशायरे की भाषा में कहें तो वे ‘भीड़ खींचने वाले’ शायर थे. उनकी अभूतपूर्व शोहरत मोहब्बत की थीम को शानदार तरीके से बरतने के उनके हुनर पर आधारित थी.
स्मृति शेष: इब्राहीम अश्क फ़िल्मी गीतकारों से बहुत अलग थे और साहित्य की हर करवट पर नज़र रखते थे. फ़िल्मी और पेशेवर शायर कहकर उनके क़द को अक्सर ‘कमतर’ बताया गया. शायद इसलिए भी अश्क ने अपनी कई आलोचनात्मक तहरीरों में कथित साहित्यकारों की ख़ूब ख़बर ली.
स्मृति शेष: सागर सरहदी इस एहसास के साथ जीने की कोशिश करते रहे कि दुनिया को बेहतर बनाना है. मगर अपनी बदनसीबी के सोग में इस द्वंद्व से निकल ही नहीं पाए कि साहित्य और फिल्मों के साथ निजी जीवन में भी एक समय के बाद अपनी याददाश्त को झटककर ख़ुद से नया रिश्ता जोड़ना पड़ता है.
स्मृति शेष: प्रख्यात लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी कभी विभाजन से संगत नहीं बैठा पाए. बंबई में बस जाने के बावजूद उनके अंदर का वह शरणार्थी लगातार अपने घर, अपनी जड़ों की तलाश में ही रहा.