उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में 2013 के सांप्रदायिक दंगे में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40 हज़ार से ज़्यादा विस्थापित हुए थे. विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी तथा 11 अन्य को दोषी क़रार देते हुए दो-दो साल की क़ैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई. हालांकि सभी को निजी मुचलके पर रिहा भी कर दिया गया.
यूपी सरकार ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में 127 लोगों की मौत की फिर से जांच के लिए मई 2019 में एसआईटी का गठन किया था, जो कुल 11 मामलों की जांच कर रही है. इसे लेकर अब तक 11 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि एसआईटी ने पूर्व में 96 मुख्य संदिग्धों को चिह्नित किया था, उनमें से 22 की मौत हो चुकी है.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में गिरफ़्तार किए गए वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा रहे जावेद मोहम्मद के करेली स्थित मकान को प्रशासन ने अवैध बताते हुए गिरा दिया है. यूपी पुलिस ने जावेद को 10 अन्य लोगों के साथ हिंसा का ‘मुख्य साज़िशकर्ता’ बताया है. वह फिलहाल हिरासत में हैं.
विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर द्वारा दायर याचिका पर दिया, जिसमें विभिन्न आधार पर सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग की गई थी.
किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल एफ़आईआर पर ग़ौर किया.
टाइम्स समूह के स्वामित्व वाले ग्रेटर नोएडा के बेनेट विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों और उनके अभिभावकों से एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा है, जिसमें उन्हें कैंपस के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार की 'देशविरोधी' या 'असामाजिक गतिविधि में शामिल होने, उसका समर्थन या प्रचार न करने के लिए कहा गया है. छात्रों को भेजे ईमेल में विश्वविद्यालय ने कहा कि यह क़दम उत्तर प्रदेश सरकार से मिले निर्देशों के तहत उठाया गया है.
बीते जनवरी माह में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर कथित रूप से ‘ग़ैरक़ानूनी और भ्रामक’ फतवा प्रकाशित करने के मामले की जांच करने को कहा था, जिसके बाद सहारनपुर के ज़िलाधिकारी ने वेबसाइट तक पहुंच पर रोक लगा दी है.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, दुधवा और अमनगढ़ टाइगर रिज़र्व तथा कतरनिया घाट वन्यजीव अभयारण्य का मामला. याचिका में दिहाड़ी मज़दूरों के हवाले से कहा गया है कि पिछले 11 महीनों से उन्हें वेतन का भुगतान न करने के कारण उनके परिवार भुखमरी के कगार पर हैं.
उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में दिसंबर 2019 में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 22 मुस्लिमों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे. नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों की कई शिकायतों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अब इसकी जांच शुरू की है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मेरठ पुलिस को मंज़ूरी दी है. यह मामला 26 जनवरी 2020 का है, जब पुलिस ने मेरठ स्थित लालकुर्ती के विभिन्न इलाकों में आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ सीएए और एनआरसी के पोस्टर को लेकर चेतावनी जारी की थी. इन चारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन ज़मानत मिलने के बाद वे छूट गए थे.
खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी अगस्त 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गांव के प्रधान थे, जहां दो चचेरे भाइयों की हत्या के बाद हिंसा भड़कने की पहली घटना हुई थी. यूपी सरकार ने दंगों से संबंधित 77 मामले वापस लिए हैं, जिनमें से कुछ को अगस्त 2021 में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी, जिसके बाद विधायक सैनी और अन्य को बरी किया गया है.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में 2002 में हुए एक कथित एनकाउंटर मामले में एक दशक से अधिक समय तक सिर्फ़ एक पुलिसकर्मी की गिरफ़्तारी के बाद कोई और गिरफ़्तारी नहीं हुई थी. इतना ही नहीं एक फ़रार आरोपी पुलिसकर्मी इस दौरान सेवानिवृत्त भी हो गया, लेकिन उसे सेवानिवृत्ति का बकाया और अन्य लाभ बेरोक-टोक मिल रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो दशकों से न्याय से इनकार किया गया है.
ज़मीनों का बढ़ी हुई दर से मुआवज़ा देने, आबादी की समस्याओं का निस्तारण संबंधी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा के 81 गांवों के किसान प्राधिकरण के ख़िलाफ़ पिछले 28 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को प्रदर्शन के बाद 1,000 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. किसानों का कहना है कि इस सुनियोजित शहर (नोएडा) के विकास के लिए अपनी ज़मीन देने वाले किसानों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इलाहाबाद में 2019 कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रबंधन में कई खामियां पाई हैं. इनमें ठोस कचरे के खराब निपटान से लेकर भीड़ प्रबंधन में खामी और मुहैया कराए धन के उपयोग में विसंगतियां शामिल हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुंभ मेले में प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए 32.5 लाख रुपये के ड्रोन कैमरों का उपयोग नहीं किया गया और वे निष्क्रिय रहे.