सोलह से अधिक राज्यों के किसानों ने मिलकर बनाई समन्वय समिति. 16 जून को दिल्ली में बैठक के बाद तय होगी किसान आंदोलन की रणनीति.
सेकुलर शक्तियों को याद रखना चाहिए कि 1974 के बाद से ही संघ परिवार बड़ी होशियारी के साथ दलित और पिछड़े प्रतीकों को हड़प के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने के कौशल को विकसित करने में लगा हुआ है.
साल 2001 से 2011 के बीच करीब 59 लाख लोगों ने उत्तर प्रदेश से पलायन किया. पिछले दशक की तुलना में यह आंकड़ा दोगुना है.
चंद्रशेखर ने कहा, 'पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने, आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे सबूत दें'
पोस्टमॉर्टम के दौरान मृत गायों के पेट में औसतन 50-60 किलो की मात्रा में पॉलीथिन और प्लास्टिक पदार्थ पाए जाते हैं.
शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है, जब देश के किसी न किसी कोने से किसानों की आत्महत्या की खबरें न आती हों. हार किसानों की नहीं हुई है. ये हार अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्माताओं की है, जिन्होंने किसानों को मझधार में छोड़ दिया है.
यूपी में योगी के दौरे से पहले मुसहर समुदाय के लोगों को साबुन व शैम्पू बांटे गए ताकि सीएम से मिलने के लिए वे नहाकर आएं. कवि असंग वानखेड़े ने इसके जवाब में एक कविता लिखी.
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले तीन साल के राज में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुसलमानों में असुरक्षा और भय की तीव्र भावना पैदा करने का काम किया.
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह से कृष्णकांत की विशेष बातचीत.
यह बेहद दुख की बात है कि तमाम गांवों में पशुओं की बड़ी संख्या में मौत होने के बावजूद अभी तक उनकी रक्षा के लिए कोई असरदार प्रयास नहीं हुए हैं.
भले ही भीम आर्मी की कोई हिंसक गतिविधि न हो, पर प्रतिक्रियावादी हिंदुओं में यह हिंसक प्रतिक्रांति को और भी ज़्यादा हवा देगी. इससे समानता स्थापित होने वाली नहीं है.
सीएम योगी के दौरे के पहले सार्वजनिक रूप से एक समुदाय पर ‘गंदगी और प्रदूषण’ का विचार आरोपित किया गया, जबकि आज़ाद भारत का लोकतंत्र उस समुदाय के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाया है.
बुंदेलखंड के गांवों में बहुत से हैंडपंप हैं, पर उनमें पानी नहीं है. गांव वालों को दो किमी. दूर तालाब पर जाना पड़ता है. गंदे पानी के उपयोग से कई बीमारियां फैल रही हैं
नियमित अंतराल पर ऐसी तस्वीरें मीडिया में देखने को मिल जाती हैं जब किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी का पुरुष या महिला नेता तलवार, धनुष-बाण या गदा हाथ में लेकर इसका सार्वजनिक प्रदर्शन करता है.
सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा पर यहां के दलित और राजपूत समुदाय के लोगों से बातचीत.