उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 11 जिलों की 67 सीटों पर मतदान हो रहा है.
इस चरण में सपा, भाजपा और बसपा के कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई नेताओं की पत्नियों ने मोर्चा संभालकर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं.
आज भाजपा का संगठन चुनाव के लिए चाक-चौबंद नज़र आता है. इस पर और नजदीक से नज़र डालने के लिए आइए चलते हैं कानपुर मंडल के फर्रुखाबाद जिले की अमृतपुर विधानसभा में.
चुनावी सरगर्मी के दौरान लगातार मुज़फ़्फ़रनगर दंगों की बात होती रही पर क्यों किसी भी राजनीतिक दल ने दंगों में बलात्कार की शिकार इन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवाज़ नहीं उठाई?
यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद भी कई सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसमें रायबरेली और अमेठी सीटें भी हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो सरकार बनाने में शिवपाल की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी.