साल 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय यह पार्टी सपा के साथ गठबंधन में थी. उससे पहले एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान पर आरोप था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया था. पिछले छह महीने में यह तीसरा मामला है, जिसमें आज़म ख़ान को सज़ा हुई है.
उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी रॉबिन उपाध्याय को पेशे से सिविल इंजीनियर बताया जा रहा है. वर्तमान में बेरोज़गार उपाध्याय की नज़र गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के उपाध्यक्ष-सह-परियोजना समन्वयक के पद पर थी, जिसके लिए उन्होंने ख़ुद को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ऑफिसर-ऑन-स्पेशल-ड्यूटी के रूप में प्रस्तुत किया था.
बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को उस पर लगे आरोपों के ख़िलाफ़ अधिकार देता है, कहा कि सभी आरोपियों को चुप रहने का अधिकार है और जांचकर्ता उन्हें बोलने या अपराध स्वीकारने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. जांच में ‘सहयोग’ का मतलब ‘स्वीकारोक्ति’ नहीं हो सकता.
किसी मामले में संदिग्ध व्यक्तियों की मीडिया के सामने परेड कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस मुद्दे पर ज़रूर सोचना चाहिए कि कैसे लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आख़िरकार जब उन्हें निर्दोष ठहराया जाता है, तब तक काफ़ी समय बीत चुका होता है. यह उस व्यक्ति, उसके परिवार को नष्ट कर देता है, उसके सम्मान को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है.
यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार, जून में इस अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं दर्ज हुईं.
उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के रहने वाले 17 वर्षीय बहादुर सिंह 11वीं के छात्र थे और दो महीने पहले ही कोटा आए थे. यहां वह एक कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे थे. कोटा शहर में इस साल कोचिंग लेने वाले छात्रों द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का यह 15वां मामला है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अवमानना याचिका में कहा गया है कि कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जनवरी 2022 में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि हमें सर्वोच्च न्यायालय और संविधान पर कोई भरोसा नहीं है. जो लोग भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विश्वास करते हैं, वे कुत्ते की मौत मरेंगे.
पुण्यतिथि विशेष: वाराणसी की कोलअसला विधानसभा क्षेत्र से नौ बार विधायक रहे भाकपा नेता ऊदल को बंगले या मंत्री पद के आकर्षण कभी बांधकर नहीं रख सके. स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सम्मान पेंशन शुरू हुई तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि 'यह जेल जाने, वहां यातनाएं सहने वालों के लिए है. मैं तो कभी गोरी पुलिस के हाथ लगा ही नहीं.'
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले का मामला. रविवार को पुलिस ने 28 वर्षीय मोहम्मद साजिद को जुआ खेलने के आरोप में उठा लिया था. उन्हें छोड़ने के कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस चौकी में उन्हें प्रताड़ित किया गया. परिवार ने ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
कानपुर पुलिस का दावा है कि सड़क पर नमाज़ अदा करने की घटना इसके ख़िलाफ़ जारी सरकारी निर्देश कई बार दिए जाने के बावजूद हुई. बीते अप्रैल माह में ईद के अवसर पर सड़कों पर नमाज़ अदा करने को लेकर कानपुर में 2,000 से अधिक अज्ञात लोगों और एक ईदगाह समिति के ख़िलाफ़ तीन मामले दर्ज किए गए थे.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का मामला. पठान जाति से आने वाली 22 वर्षीय युवती ने अगस्त 2021 में फकीर जाति के युवक से शादी की थी. पुलिस ने कहा कि युवती की कथित तौर पर उसके भाइयों ने हत्या कर दी, जो फ़रार हैं. युवती के परिवार के चार सदस्यों सहित पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य अतीक़-उर-रहमान को 5 अक्टूबर 2020 को पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के साथ उस समय गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे थे. बीते 14 जून को उन्हें जेल से रिहा किया गया है.
घटना बरेली के डॉ. एम. खान अस्पताल की है. वहां ढाई साल के बच्चे को भर्ती कराया गया था, जिसके माता-पिता का दावा है कि उसे जीभ की सर्जरी के लिए लाया गया था, लेकिन डॉक्टर ने उसका खतना कर दिया. डॉक्टर ने इस दावे को मनगढ़ंत बताया है.