कोराना वायरस के ख़िलाफ़ 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद भारत बायोटेक ने इस संबंध में एक फैक्ट शीट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किन्हें ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. कंपनी के इस क़दम पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है.
देश में बीते 24 घंटे में कोविड-19 से एक दिन में 137 लोगों ने जान गंवाई है, जो बीते क़रीब आठ महीने में सबसे कम है. दुनियाभर में संक्रमण के 9.55 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 20.40 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित टीके कोवैक्सीन को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.
अमरावती मंडल के अकोला और बुलढाना ज़िलों में कोविशील्ड टीका लगवाने के एक दिन बाद सात व्यक्तियों को मांसपेशियों में दर्द और बुखार की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. अमरावती के मंडलायुक्त पीयूष सिंह का कहना है कि वे सभी ठीक हैं और उन्हें जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
कोडरमा ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ के 16 जनवरी के एक आदेश में सरकारी कर्मचारियों के टीका न लगवाने पर उनका वेतन रोकने की बात कही गई थी, जिसका काफ़ी विरोध हुआ.
देश में आठ महीने बाद 24 घंटे में सबसे कम 145 लोगों की मौत के मामले सामने आए, वहीं एक दिन में संक्रमण के 13,788 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.5 करोड़ से अधिक हो चुकी है.
नॉर्वे में फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन का पहला टीका लेने के कुछ ही दिनों के अंदर 23 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 13 की मौत की वजह टीके के साइड इफेक्ट हैं. ये तेरह लोग एक नर्सिंग होम के मरीज़ थे और उनकी उम्र 80 साल के क़रीब थी.
कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन देशभर में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया उनमें से 75 से अधिक लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए. दिल्ली में एक गंभीर और 51 मामूली, जबकि महाराष्ट्र में ऐसे 14 मामले सामने आए.
देश में इस समय कोरोना वायरस से संक्रमित 2,08,826 लोगों का उपचार चल रहा है, जो संक्रमितों की कुल संख्या का 1.98 प्रतिशत है. पूरी दुनिया में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 9,45 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और अब तक 20,22,279 लोगों की जान जा चुकी है.
कोवैक्सीन का केवल पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हुआ है, जबकि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का अध्ययन अभी किया जा रहा है. दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें इसे लेकर कुछ संदेह है और उनमें से अधिकतर टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद पहले दिन तीन लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराक देने का लक्ष्य है. भारत में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले डेढ़ करोड़ से अधिक हो चुके हैं और संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या डेढ़ लाख से ज़्यादा है.
बीते दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आयोग बूथ स्तर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने में मदद करे. हालांकि चुनाव आयोग चाहता है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी ये डेटा मिटा दें.
दिल्ली सरकार ने 2018 से 2019 के बीच लगभग एक करोड़ से अधिक लोगों पर सर्वे किया गया. पूर्वी दिल्ली के मंडावली में जुलाई 2018 में तीन नाबालिग लड़कियों की कथित भुखमरी से मौत के बाद राज्य सरकार ने यह सर्वे कराने का आदेश दिया था.
बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.
कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब तीन करोड़ है. इसके बाद 50 साल की उम्र से अधिक और 50 साल से कम उम्र के वे समूह, जिनकी कोई कोमॉर्बिड अवस्था है, को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब 27 करोड़ है.