असहमति के मत को चुनाव आयोग के फैसले में शामिल करने की अशोक लवासा की मांग ख़ारिज

असहमति के मत को आयोग के फैसले का हिस्सा बनाने के मामले में चुनाव आयोग ने मौजूदा व्यवस्था को ही बरक़रार रखते हुए कहा कि असहमति और अल्पमत के फैसले को आयोग के फैसले में शामिल कर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख़ के बाद मैंने कई सुझाव दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई: अशोक लवासा

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आचार संहिता के उल्लंघन के पांच मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिए गए क्लीनचिट का विरोध किया था.

क्या बनारस में बुनकरों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अच्छे दिन लाने का वादा जुमला साबित हुआ?

ग्राउंड रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी ने बनारस में बुनकरों से जुड़े कई वादे किए थे लेकिन पांच साल बाद स्थानीय बुनकर अच्छे दिनों के नारे और वादे के बीच ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

चंदौली लोकसभा सीट: वाराणसी की इस पड़ोसन की तो दास्तान ही अलग

पिछले 21 वर्षों में चंदौली सीट के मतदाताओं ने किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को लगातार दो बार नहीं चुना है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे दोबारा जीत दर्ज कर अपनी प्रतिष्ठा बचा पाते हैं या नहीं.

आयोग में मतभेद पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, एक-दूसरे के क्लोन नहीं हो सकते सदस्य

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली सभी बैठकों से ख़ुद को अलग करने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विवाद खड़ा होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जवाब दिया.

फैसले में असहमति को शामिल नहीं किए जाने पर चुनाव आयुक्त ने आयोग की बैठक का किया बहिष्कार

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने 4 मई से ही चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली सभी बैठकों से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने कहा है कि वे चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली बैठकों में तभी शामिल होंगे जब अलग मत वाले और असंतोष जताने वाले फैसलों को भी आयोग के आदेशों में शामिल किया जाएगा.

मोदी जिस गंगा मैया के पुत्र बनकर बनारस आए थे, वहां आज भी नाले गिर रहे हैं: अजय राय

साक्षात्कार: वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय से बातचीत.

बीते पांच सालों में कितना बना-बिगड़ा बनारस

ग्राउंड रिपोर्ट: 2014 में वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद बने नरेंद्र मोदी एक बार फिर यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनके कार्यकाल और बनारस में हुए बदलावों के बारे में क्या सोचती है बनारस की जनता?

द वायर बुलेटिन: एक महीने में टीवी चैनलों ने नरेंद्र मोदी को 722 घंटे दिखाया, जबकि राहुल गांधी को सिर्फ़ 251 ​घंटे

जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा में तीन साल की बच्ची से बलात्कार के बाद विरोध प्रदर्शन समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

द वायर बुलेटिन: नामांकन रद्द होने के ख़िलाफ़ दाख़िल तेज बहादुर यादव की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

वकील इंदिरा जयसिंह और लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी चंदा लेने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जवाब मांगने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

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