सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के तीन विभिन्न मामलों में दिसंबर 2017 से जेल में बंद राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. 73 वर्षीय लालू यादव वर्तमान में दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं.
लालू प्रसाद यादव देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराए जाने के बाद से जेल में थे. उनके रिहा हो जाने की संभावना है, क्योंकि चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में उन्हें पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.
झारखंड हाईकोर्ट ने चाईबासा कोषागार गबन मामले में सज़ा की आधी अवधि पूरी करने के आधार पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को ज़मानत दे दी है, हालांकि दुमका कोषागार गबन मामले में ज़मानत न मिलने के चलते उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा.
अरबों रुपयों के चारा घोटाले के चार मामलों में से एक देवघर कोषागार गबन मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राजद प्रमुख को ज़मानत दी है, लेकिन अन्य दो मामलों में सज़ायाफ्ता होने के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 लोगों को इस मामले में सबूतों के अभाव में बाइज़्ज़त बरी कर दिया.
चाईबासा कोषागार मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी दोषी क़रार देते हुए उन्हें भी पांच साल की सज़ा सुनाई गई है.
चारा घोटाले में कई बार जेल जाने वाले लालू जैसे छत्रप का यह तिलिस्म ही है कि एक बड़ी जमात उन्हें ज़मीनी नेता मानने से गुरेज नहीं करती. तभी जेल में उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.
विशेष सीबीआई अदालत ने क़ैद के साथ 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया.
चारा घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराए जाने के फैसले के ख़िलाफ़ बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा कथित बयानबाज़ी का अदालत ने लिया संज्ञान.
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी. राजद प्रमुख लालू यादव सहित 16 लोग दोषी क़रार. तीन जनवरी को विशेष सीबीआई अदालत सुनाएगी सज़ा.
शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द, लालू को करना होगा घोटाले से जुड़े चारों मामलों में सुनवाई का सामना.