आरएसएस कार्यकर्ताओं के कथित बम हमले के ख़िलाफ़ माकपा ने बुलाया बंद

भाजपा की जनरक्षा यात्रा के बीच केरल में माकपा और कांग्रेस ने आरएसएस कार्यकर्ताओं पर लगाया हमले का आरोप, दोनों ने अलग अलग किया बंद का आह्वान. रिजिजू बोले, माकपा के विचार राष्ट्र विरोधी.

हिंसा की राह पर चलने वाले किसी व्यक्ति या समूह को बख़्शा नहीं जाएगा: मोदी

आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी.

अगर ये भीड़ दादरी में ही दफ़न कर दी जाती तो इसकी आंच बंगाल तक कभी नहीं आती

जिस पैगम्बर के व्यवहार ने उनपर रोज़ कूड़ा फेंकने वाली औरत को बदलने पर मजबूर कर दिया, उन्हीं के कुछ अनुयायी एक फेसबुक पोस्ट मात्र पर हिंसक हो जाते हैं.

रामगढ़ में पीट-पीटकर मार डालने की घटना में स्थानीय भाजपा नेता गिरफ़्तार

जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.

क्या गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले प्रधानमंत्री की भी नहीं सुन रहे?

जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.

गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार्य नहीं: प्रधानमंत्री

अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है.

आपातकाल के 42 सालों के बाद एक बार फिर भारत का लोकतंत्र ख़तरे में है

‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’

हमारे समाज को आजकल इतना गुस्सा क्यों आ रहा है?

तकनीक के अधकचरे इस्तेमाल ने दरअसल एक अधकचरी पढ़ी-लिखी हिंसा को भी जन्म दिया है. इस हिंसा का शिकार हर वैसा वर्ग और व्यक्ति हो रहा है, जो एक मदमाती सत्ता से सवाल पूछता है.

दूसरे देशों की घटनाओं पर ट्वीट करने वाले पीएम पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर मौन क्यों हैं?

ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.