एनजीटी ने पश्चिम बंगाल में मलीय कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया के उच्च स्तर के कारण राज्य में गंगा नदी के पूरे हिस्से को स्नान के लिए अनुपयुक्त पाते हुए अधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी की है. एनजीटी ने पाया कि प्रतिदिन 258.67 मिलियन लीटर अनुपचारित सीवेज सीधे नदी में बह रहा है, जो बड़ा स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है.
जम्मू कश्मीर सरकार ने 1988 में प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण नए शिकारे के निर्माण और मौजूदा शिकारे की मरम्मत व नवीनीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2009 में अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट को यह बताने के बाद कि शिकारा श्रीनगर के जल प्रदूषण का प्राथमिक स्रोत हैं, प्रतिबंध को फिर से लागू कर दिया गया था.
‘द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में साल 2019 में भारत में सभी प्रकार के प्रदूषण के कारण 23.5 लाख से अधिक मौतें समय से पहले हुई हैं, जिसमें वायु प्रदूषण के कारण 16.7 लाख मौतें शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर हर साल होने वाली 90 लाख मौतों के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण ज़िम्मेदार है.
एनजीटी ने कोटद्वार में खोह नदी के किनारे अवैध रूप से बनाए गए कचरा स्थल को लेकर उत्तराखंड सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वैधानिक नियमों के उल्लंघन के लिए राज्य के शहरी विकास सचिव सहित इसके वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई का मामला बनता है.
मथुरा में चल रहे वृंदावन कुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान यमुना का प्रदूषण देखते हुए महानिर्वाणी अखाड़े के प्रमुख महंत धर्मदास ने अगले तीनों शाही स्नान के बहिष्कार की घोषणा की है, जिसे महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ों के प्रमुखों ने भी सहमति दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण से संबंधित दिल्ली जल बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देशभर की नदियों में प्रदूषण की न्यायिक समीक्षा का दायरा बढ़ाते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली तथा हरियाणा सहित पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है.
यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. यह निर्देश ऐसे वक़्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बार-बार कहने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए क़दम नहीं उठाया है.
प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार न होने की वजह अशोधित अवजल को नदियों में छोड़ा जाना और पहाड़ों से ताज़ा पानी न आना है.
एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यह भी कहा है कि राज्यों को यमुना के कम पानी और संरक्षण पर ध्यान देना होगा. इसके लिए हो सकता है कि राज्यों को कम पानी में काम चलाना पड़े.
बीते शुक्रवार को दिल्ली में यमुना नदी में ज़हरीले झाग वाला पानी देखा गया. एनजीटी द्वारा यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और उद्योग आयुक्त से इसके स्रोत का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में दिए एक फ़ैसले का हवाला देते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषित पानी छोड़कर पानी को गंदा करने वाले दिल्ली के रहवासियों से पर्यावरणीय मुआवज़ा वसूल किया जाए.
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 11 राज्यों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. निर्देशों के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन के अलावा पूजा सामग्री डालने पर सख़्ती से रोक लगाने को कहा है.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: जल क्रांति योजना के तहत पानी की किल्लत से जूझ रहे क्षेत्रों में जल संरक्षण और जल प्रबंधन के लिए काम होना था, लेकिन आरटीआई के तहत मिली जानकारी बताती है कि इसके अंतर्गत अब तक ऐसा कोई ठोस काम नहीं हुआ है, जिसे देश में जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा सके.
यूनियन कार्बाइड को औपचारिक रूप से तो ख़त्म मान लिया गया, लेकिन जो ज़हर इस कारखाने ने भोपाल की ज़मीन में बोया, वो अब इस शहर की अगली नस्ल को अपनी चपेट में ले रहा है.
वैज्ञानिकों ने एक शोध में गोमती के जल में हानिकारक भारी धातुओं के होने की पुष्टि की है. पहली बार गोमती में आर्सेनिक की उपस्थिति का भी पता चला है.