पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, हालिया विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां 20% से अधिक महिला विधायक चुनी गई हैं. यहां कुल 90 विधायकों में से 19 महिलाएं जीती हैं.
लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला बिल सोच और ड्राफ्ट के स्तर पर न भाजपा का है न कांग्रेस का, बल्कि विशुद्ध रूप से महिला संगठनों का है. लेकिन विडंबना ही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाए गए बिल में महिला संगठनों की भूमिका का प्रस्तावना तक में कोई ज़िक्र तक नहीं है.
यूपी में महिलाओं के लिए 40 फीसदी सीटों की घोषणा करके प्रियंका गांधी ने एक तरह से यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस सीटों की एक बड़ी संख्या पर चुनाव लड़ेगी. यानी अन्य पार्टियों के साथ कोई समझौता या गठबंधन नहीं करेगी. महिला सशक्तिकरण दांव को इतने प्रचार-प्रसार के साथ खेलने का तभी कोई तुक बनता है, जब आप चुनावी संग्राम में अपनी उपस्थिति को उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाएं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाएं पूरी तरह से सत्ता में भागीदार बनें. महिलाएं अगर समाज में बदलाव चाहती हैं तो वे राजनीति में आएं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस अगर महिलाओं को उचित भागीदारी देना चाहती थी तो उसने अपने शासनकाल में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने का क़ानून क्यों नहीं बनाया.
संसद में महिलाओं की भागीदारी के बारे में राजनीतिक पार्टियां अक्सर चुप्पी साध लेती हैं, पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं को पार्टियां भी कम टिकट देती हैं, सृष्टि श्रीवास्तव ने बात की दिल्ली की आम महिलाओं से और जाना कि वे चुनावी राजनीति पर क्या सोचती हैं.
जम्मू में भाजपा की महिला नेता ने सार्वजानिक रूप से पार्टी अध्यक्ष रवींद्र रैना से शिकायत करते हुए कहा पार्टी में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है. पार्टी के पुरुष नेता नहीं जानते कि महिलाओं के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है.
महिला अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों के प्रभुत्व वाला संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता.