यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने हाल ही में उत्तरी वजीरिस्तान में एक सुरक्षा चौकी पर हमले के बाद सात सैनिकों की हत्या का प्रतिशोध लेने की बात कही थी.
बीते मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अल-क़ादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ़्तार कर लिया गया था. इस मामले में इमरान और उनकी पत्नी पर ‘50 अरब रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग को वैध बनाने के लिए एक रियल एस्टेट फर्म से अरबों रुपये प्राप्त’ करने का आरोप लगाया गया है.
अदालत ने कहा कि उनका ये आदेश म्यांमार पर बाध्यकारी है और वे चार महीने में आईसीजे को रिपोर्ट देकर बताएं कि उन्होंने आदेश के अनुपालन के लिए क्या किया.
अगस्त 2017 से शुरू हुए सैन्य अभियानों के चलते करीब 7,40,000 रोहिंग्या लोगों को सीमापार बांग्लादेश भागना पड़ा था. पिछले साल सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार में करीब छह लाख रोहिंग्या मुसलमान नरसंहार के गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि म्यांमार लगातार नरसंहार की सोच को पनाह दे रहा है.
म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि क्राकातोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे हुआ भूस्खलन सुनामी का संभावित कारण हो सकता है.
आर्थिक तंगी से गुज़र रहे अफ्रीकी देश सूडान में सरकार ने पिछले हफ्ते रोटी की कीमत एक पाउंड से बढ़ाकर तीन पाउंड कर दिया, जिसका विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां एक व्यक्ति आता है, बच्चे पैदा करता है और बच्चा अनिवार्य रूप से अमेरिका का नागरिक बन जाता है.’
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित म्यांमार की नेता आंग सान सू ची को कनाडा की संसद ने 2007 में मानद नागरिकता दी थी.
चुनाव से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन पर अपनी जीत पक्की करने के लिए गड़बड़ियां करने का आरोप लगा था. यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा करते हुए अपने विरोधियों को जेल में डाल दिया था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इन पत्रकारों को पिछले साल 12 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था. उस समय वे म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक गांव में रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या और सेना व पुलिस द्वारा किए गए अपराधों की जांच कर रहे थे.
बीते छह मार्च को कैंडी और अम्पारा जिलों में हुए बौधों और मुस्लिमों के बीच हुई हिंसा के बाद 10 दिनों के लिए श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया था.
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगी ली ने कहा कि जब तक कोई भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण सबूतों को परख नहीं लेता, तब तक हम निश्चित तौर पर नरसंहार की घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन हमें संकेत नज़र आ रहा है.