न्यूज़क्लिक केस: मोदी सरकार ‘टेरर फंडिंग’ पर गंभीर है, तो अमेरिका, चीन से संपर्क क्यों नहीं किया?

न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दर्ज पुलिस केस के सही-गलत होने की बात न भी करें, तब भी उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कथित साज़िशकर्ताओं का पता लगाने और उन पर मुक़दमा चलाने को लेकर मोदी सरकार के रुख़ पर कई सवाल उठते हैं.

न्यूज़क्लिक केस: दिल्ली पुलिस की एफआईआर में चीनी फर्म शाओमी, वीवो का नाम, अज्ञात वकील का ज़िक्र

एफआईआर में न्यूज़क्लिक के संपादक में प्रबीर पुरकायस्थ, गौतम नवलखा और अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के ख़िलाफ़ यूएपीए की पांच धाराएं लगाई गई हैं. साथ ही शाओमी और वीवो द्वारा 'अवैध फंडिंग' और किसी 'गौतम भाटिया' द्वारा इन टेलीकॉम कंपनियों के 'क़ानूनी मामलों में बचाव' की बात कही गई है. कंपनियों से जुड़े अदालती रिकॉर्ड में किसी गौतम भाटिया के उनके वकील होने के प्रमाण नहीं हैं.

शाओमी ने जांच के दौरान ‘शारीरिक हिंसा’ की धमकी का आरोप लगाया, ईडी ने इनकार किया

आरोप है कि बेंगलुरु में ईडी के जांचकर्ताओं से पूछताछ के दौरान शाओमी इंडिया के शीर्ष अधिकारियों को शारीरि​क हिंसा और धमकी का सामना करना पड़ा. बीते अप्रैल माह में ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये ज़ब्त करने की बात कही थी. हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.

फेमा क़ानून के उल्लंघन के आरोप में शाओमी इंडिया के 5,551 करोड़ रुपये ईडी ने ज़ब्त किए

ईडी ने कहा कि मोबाइल निर्माण कंपनी ने 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है. इनमें शाओमी समूह की एक कंपनी भी शामिल है. अन्य दो अमेरिकी असंबद्ध कंपनियों को भेजी गई राशि भी अंतत: शाओमी समूह की कंपनियों के लाभ के लिए थी.

चाइनीज़ फोन में सेंसरशिप सॉफ्टवेयर, इन्हें न ख़रीदें, अगर ख़रीदा है तो फेंक दें: लिथुआनिया सरकार

लिथुआनिया सरकार द्वारा संचालित साइबर सुरक्षा निकाय ने कहा है कि इन चाइनीज़ मोबाइल फोन में ‘फ्री तिब्बत’, ‘लॉन्ग लिव ताइवान इंडिपेंडेंस’ या ‘डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ जैसे शब्दों को तत्काल पकड़ने और इन्हें सेंसर करने की क्षमता होती है.

नौकरी से निकाले जाने के बाद कर्मचारियों ने मोबाइल कंपनी में की तोड़फोड़, कंपनी चार दिन बंद

नोएडा सेक्टर 63 स्थित कंपनी शाओमी और ओप्पो के लिए मोबाइल फोन बनाती है. बिना नोटिस दिए कंपनी द्वारा तकरीबन 200 लोगों को निकालने का आरोप. पुलिस ने चार कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया.