कैग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 2015 में गौतम बुद्ध नगर में एक भूखंड खरीदा था, लेकिन भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन न करने के चलते उसे 2.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसे प्राधिकरण को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को 126 करोड़ का नुकसान हुआ.
आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 31 जुलाई 2019 तक यमुना एक्सप्रेसवे पर 357 सड़क दुर्घटनाओं में 145 लोगों की मौत हुई है. अगस्त और सितंबर में नौ और लोगों की मौत के साथ यह आंकड़ा बढ़कर 154 हो गया.
मामला उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले का है. लखनऊ से दिल्ली जा रही बस में करीब 50 लोग सवार थे. हादसे में जान गंवाने वाले 29 लोगों में एक डेढ़ साल की बच्ची भी है. 18 लोग घायल हो गए हैं.
पतंजलि को फूड पार्क की स्थापना हेतु अंतिम मंजूरी पाने के लिए जरूरी शर्तों को 15 जून तक पूरा करने की समयसीमा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा दी गई है.
योग गुरु बाबा रामदेव अपने उद्योग के लिए दबाव की रणनीति अपनाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से पहले से ही मिली हुई रियायतों में और बढ़ोतरी चाहते हैं.
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमें इस परियोजना के लिए राज्य सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला. अब हमने परियोजना को स्थानांतरित करने का फैसला किया है.