साल 2019 में उत्तर प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर एक व्यक्ति का घर गिराए जाने के मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि नागरिकों की आवाज़ को उनकी संपत्ति और घरों को नष्ट करने की धमकी देकर नहीं दबाया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में एक नागरिक परियोजना के लिए अवैध रूप से आवासीय मकानों को गिराए जाने के संबंध में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कार्रवाई को ज्यादती बताते हुए कहा, 'आप बुलडोज़र के साथ नहीं आ सकते और रातों-रात घर नहीं गिरा सकते.'
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख़्तार अंसारी की एक अस्पताल में मृत्यु के बाद उनके परिजनों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, बांदा की जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी को अचेतावस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अंसारी के परिजनों द्वारा लगातार जेल में उनकी जान को ख़तरा होने की बात कही जा रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिए हैं. उमर ने उनके पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए जेल परिसर के भीतर उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. मुख़्तार अंसारी फ़िलहाल बांदा की एक जेल में हैं.
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने उन्हें स्थानांतरित करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख़ किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने पिता की जान को ख़तरा बताया है.
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के विधायक दल का नेता रहते हुए अचानक इस्तीफ़ा देकर भाजपा का दामन थामा था. अब उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उन्होंने पांच साल तक पीड़ा में रहकर भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया. उनके इस्तीफ़े बाद बांदा के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी भाजपा छोड़ दी है.
नागरिक समाज संगठनों द्वारा मार्च 2017 और मार्च 2018 के बीच में उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की 17 घटनाओं का अध्ययन किया गया है, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी. इसमें से किसी में भी किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन मामलों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी की थी. इनमें से 12 मामलों में आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दे दी है.
यूपी प्रशासन की महिला हेल्पलाइन 181 की 351 कर्मचारी 17 अगस्त से लखनऊ के इको पार्क में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. उनका कहना है कि उन्हें जुलाई 2019 से वेतन नहीं मिला है.
प्रदर्शनकारियों की होर्डिंग: 13 लोगों को 10 फीसदी अतिरिक्त जुर्माना भरने का नोटिस वरना जाना होगा जेल
लखनऊ प्रशासन ने जिन 13 लोगों को रिकवरी सर्टिफिकेट और डिमांड नोटिस जारी किए हैं, वे उन 57 लोगों में से हैं जिन्हें पिछले साल 19 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को लेकर 1.55 करोड़ रुपये की वसूली के नोटिस भेजे गए थे.