पिछले विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के विधायक दल का नेता रहते हुए अचानक इस्तीफ़ा देकर भाजपा का दामन थामा था. अब उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उन्होंने पांच साल तक पीड़ा में रहकर भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया. उनके इस्तीफ़े बाद बांदा के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी भाजपा छोड़ दी है.
उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने आदेश दिया कि उचित दर की दुकानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों वाली और ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’ लिखी मुफ़्त खाद्य सामग्री के पैकेट न बांटे जाएं.
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विभिन्न घाटों पर इन पोस्टरों को देखा जा सकता है, जिसमें पंचगंगा घाट, राम घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट शामिल हैं. पोस्टरों पर यह भी लिखा है कि ‘यह निवेदन नहीं, चेतावनी है.’
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह अपने 15 महीनों के कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं. फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उन पर अनियमितता, मनमाने निर्णयों और शिक्षकों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने कि मिठास के लिए मशहूर है लेकिन ये मिठास काफ़ी समय से कम हो गई है. इसका कारण है किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर न होना. द वायर की टीम बागपत की मलकपुर चीनी मिल गई और यहाँ पर गन्ना किसानों से बातकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की.
वीडियो: मुज़फ़्फ़रनगर के जौला गांव के निवासी ग़ुलाम मोहम्मद जौला 80 के दशक में भारतीय किसान यूनियन की स्थापना के समय महेंद्र सिंह टिकैत के साथ थे. साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों ने जाटों और मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा कर दी थी, जो अब सात साल बाद भी दिखाई दे रही है. यूपी चुनाव से पहले इन मसलों पर 85 वर्षीय ग़ुलाम मोहम्मद से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान आंदोलन का केंद्र रहा है और उत्तर प्रदेश चुनाव की कुंजी भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथ में है. क्या जाट-मुस्लिम समीकरण फिर सेभाजपा की हर की वजह बनेगा.
दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.
वीडियो: बीते दिनों आयकर विभाग के अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी के दो नेताओं और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के सहयोगी के घरों पर छापेमारी की. तलाशी उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले आती है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने की उम्मीद है.
भाजपा उम्मीद कर रही है कि अयोध्या में बहुप्रतीक्षित मंदिर निर्माण आरंभ करने के बाद अब काशी विश्वनाथ को अभूतपूर्व भव्य स्वरूप दे देने से उन्होंने आम हिंदू वोटर के दिल को छू लेने में सफलता प्राप्त कर ली है.
केंद्र की मोदी सरकार ने भी बीते जुलाई महीने में संसद को बताया था कि राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी मौत की विशेष रूप से रिपोर्ट नहीं की है. हालांकि एक महीने बाद अगस्त में पहली बार केंद्र ने स्वीकार किया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज़ों की मौत हुई है.
वीडियो: बीते 13 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया. इस मुद्दे पर प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आदित्य मुखर्जी और वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान के साथ द वायर की वरिष्ठ संपादक आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज का शिकार आंगनबाड़ी की महिलाएं हाल ही में मथुरा में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में पहुंची थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने की धमकी देकर यहां लाया गया है. द वायर से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी की मगर सरकार ने उनकी मांगों को एक बार भी नहीं सुना है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं. इसके मद्देनज़र द वायर की टीम ने बुलंदशहर ज़िले के बरैना गांव में रहने वालीं गीता नाम की एक महिला से बातचीत की, जो भाजपा विधायक अनीता राजपूत से सवाल पूछने को लेकर चर्चा में आ गई थीं. गीता ने क्या सवाल पूछे और बाकी गांववालों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बता रहे हैं शेखर तिवारी.
कृषि आंदोलन की सफलता को लेकर उत्तर प्रदेश के कैराना में आयोजित महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में लोगों से कहा कि वह कैराना पलायन जैसे मुद्दों से सतर्क रहें, क्योंकि यह उनके बीच में दरार पैदा करने की कोशिश है.