यूपी: राजपूत महापंचायत ने आदित्यनाथ को छोड़कर सभी भाजपा नेताओं के बहिष्कार का आह्वान किया

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत खेड़ा गांव में मंगलवार को आयोजित राजपूत समुदाय की एक महापंचायत ने सरकारी योजनाओं को लागू न करने, बढ़ती बेरोज़गारी, अग्निवीर योजना और राजपूत समाज के 'अपमान' के विरोध में भाजपा उम्मीदवारों का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

उत्तर प्रदेश: कुशीनगर एयरपोर्ट को लेकर मोदी-योगी सरकार के दावे हवाहवाई साबित हुए हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक़्त कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पूरी तकनीकी क्षमता से लैस किए बिना ही इसका उद्घाटन कर दिया गया. आज हाल यह है कि महज़ शोपीस बनकर रह गया एयरपोर्ट उद्घाटन के 28 माह बाद भी घरेलू व विदेशी उड़ानों के लिए तरस रहा है.

‘रेता में कौनो जिनगी नाहीं बा महाराज! हम किस बेस पर वोट दें?’

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के महराजगंज और कुशीनगर ज़िले के 27 गांवों के क़रीब पचास हज़ार लोगों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा की है. आवाजाही के लिए सामान्य रास्ता बनने की बाट जोह रहे गंडक नदी पार के इन गांवों की पुल बनाने की मांग काफ़ी पुरानी है, जिसे लेकर वे पूछ रहे हैं कि पुल, सड़क नहीं हैं तो वोट क्यों दें.

लोकसभा चुनाव: अयोध्या में तो मुक़ाबला शुरू भी नहीं हुआ और उसकी ‘गर्मी’ ख़त्म हो गई!

भाजपा ने उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट (जिसके अंतर्गत अयोध्या आती है) पर अपने दो बार के सांसद लल्लू सिंह को ही तीसरी बार टिकट दिया है. ऐसे में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद चर्चा में आई अयोध्या में चुनावी मुक़ाबले में नएपन की उम्मीद कर रहे लोगों को ख़ासी नाउम्मीदी हुई है.

ज्ञानवापी केस में निर्णय देने वाले जज ने अन्य फैसले में सीएम योगी को ‘दार्शनिक राजा’ कहकर सराहा

बरेली के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने एक फैसले में सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि सत्ता का प्रमुख धार्मिक व्यक्ति को होना चाहिए, क्योंकि उनका जीवन भोग का नहीं, त्याग व समर्पण का होता है. दिवाकर ने 2022 में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामले में वहां का एक हिस्सा सील करने का आदेश दिया था.

क्या नरेंद्र मोदी का आदेश योगी आदित्यनाथ के लिए मुसीबत बन गया है?

वीडियो: योगी आदित्यनाथ द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार में सुभासपा के ओपी राजभर समेत दल-बदलू इतिहास वाले नेताओं को शामिल करना क्या किसी मज़बूरी के चलते हुए है? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान. 

यूपी: एक्स पर ग़लत तस्वीरें पोस्ट करने पर पत्रकार के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पुलिसकर्मियों के एक आवासीय परिसर का उद्घाटन किया था. पुलिस का कहना है कि एक चैनल के साथ काम करने वाले ग़ाज़ियाबाद के पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उक्त परिसर की तस्वीर के बजाय अन्य निर्माणाधीन इमारत की तस्वीर डाली, जो सरकार और ग़ाज़ियाबाद पुलिस को बदनाम करने का प्रयास था.

अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के साथ हुईं घटनाओं की ख़बर देने से परहेज़ क्यों कर रहा मीडिया?

अयोध्या में मीडिया के एक हिस्से द्वारा ‘नकारात्मक’ ख़बरों को नकारने का सिलसिला राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन ही शुरू हो गया था. तभी, जब रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ की धक्का-मुक्की में कुछ घायल हो गए और इनमें से एक की मौत हो गई तो मीडिया ने इसे प्रसारित करने से परहेज़ किया था.

नई नरलीला के बीच अयोध्या

जब भी अपने भक्तों के अहंकार की परीक्षा लेनी होती है, रामलला ऐसी नरलीला करते ही करते हैं. कभी भक्त समझ जाते हैं और कभी नहीं समझ पाते. नहीं समझ पाते तो अपना अहंकार बढ़ाते जाते हैं. फिर एक दिन अचानक रामलला उसे तोड़ देते हैं तो वे पछताते हैं. अहंकार दरअसल, रामलला का आहार है.

कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते भाजपा में शामिल हुए

भाजपा में शामिल होने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और अन्य नेताओं को लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान, जय किसान’ के दृष्टिकोण से जुड़ने की अनुमति देने के लिए धन्यवाद दिया. कांग्रेस के टिकट पर वह तीन संसदीय चुनाव लड़े थे और तीनों ही हार गए थे.

फ़ैज़ाबाद: अयोध्या नगर निगम का एक अनाम-सा हिस्सा

नवाबों का शहर फ़ैज़ाबाद, अब उस अयोध्या नगर निगम का अनाम-सा हिस्सा है, जिसके ज़्यादातर वॉर्डों के पुराने नाम भी नहीं रहने दिए गए हैं. नवाबों के काल की उसकी दूसरी कई निशानियां भी सरकारी नामबदल अभियान की शिकार हो गई हैं. हालांकि अब भी ग़ुलामी के वक़्त के तमाम नाम नज़र आते हैं, जो सरकार को नज़र नहीं आते.

अयोध्या: अब आचार्य नरेंद्रदेव की स्मृतियों का ध्वंस!

‘दिव्य’ अयोध्या में भी बदहाली झेल रहे आचार्य नरेंद्रदेव नगर रेलवे स्टेशन को आख़िर बंद कर दिया गया. विपक्षी दल इसे आचार्य की कर्मभूमि में उनकी स्मृतियों का ध्वंस बताते हुए आरोप लगा रहे हैं कि सत्ताधीशों ने शहर में आचार्य को इतनी-सी जगह न देकर न सिर्फ उनके बल्कि समाजवाद के प्रति भी घृणा प्रदर्शित की है.

अयोध्या में तो राम भी मोदीमय हैं!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आगमन की तैयारियां भी रामलला के स्वागत की तैयारियों से कमतर नहीं हैं. स्ट्रीट लाइट्स पर मोदी के साथ भगवान राम के कट-आउट्स लगे हुए हैं, जिनकी ऊंचाई पीएम के कट-आउट्स से भी कम है. यह भ्रम होना स्वाभाविक है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम आएंगे या प्रधानमंत्री मोदी को आना है?

आस्थाओं के शोर में विवेक की बेदख़ली!

जहां तक धार्मिक आस्थाओं की बात है, उन्हें यों भी समझ सकते हैं कि प्राय: सभी धार्मिक समूहों में ऐसी पवित्र पुस्तकें और बानियां हैं, जिन्हें परमेश्वरकृत ‘परम प्रामाणिक सत्य’ माना जाता है. इनमें आस्था इस सीमा तक जाती है कि उनमें जो कुछ भी कहा या लिखा गया है, वही संपूर्ण सत्य और ज्ञान है और जो उनमें नहीं है, वह न सत्य है, न ज्ञान.

1 2 3 72