उत्तर प्रदेश: अलीगढ़ में ज़हरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 22 हुई

घटना से प्रभावित लोगों में अधिकतर लोग अलीगढ़ के तीन थाना क्षेत्रों- लोढ़ा, खैर और जांवा के हैं. अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में शुक्रवार रात भर्ती किए गए कम से कम 28 मरीज़ों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने मामले के सरगना समेत कुल पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है और तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.

यूपी: एस्मा की अवधि फिर बढ़ने से नाराज़ कर्मचारी संगठन, कहा- सरकार चाहती है कि हम आवाज़ न उठाएं

उत्तर प्रदेश में बीते साल मई से एस्मा लागू है और इसी हफ़्ते तीसरी बार इसकी अवधि छह महीनों के लिए बढ़ाई गई है. महामारी के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर योगी सरकार से नाराज़ चल रहे कई कर्मचारी संगठनों ने इसे आपातकाल और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला क़रार दिया है.

उत्तर प्रदेश: अलीगढ़ में कथित नकली शराब पीने से 11 लोगों की मौत, पांच की हालत गंभीर

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र का मामला. गंभीर हालात में कुछ ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी ने बताया ​कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है. यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी.

उत्तर प्रदेश: अगले छह महीनों तक सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर पाबंदी बरक़रार

उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते साल मई में छह महीने की अवधि के लिए एस्मा लागू किया था. बाद में नवंबर 2020 में इसके प्रावधानों को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘राम भरोसे’ वाले फैसले पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को सलाह के तौर पर लेना चाहिए और उसे लागू करने के लिए हरसंभव क़दम उठाने चाहिए. उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे शहर के एक मेडिकल कॉलेज में इलाज की बुरी स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शहरों का यह हाल है तो छोटे शहरों और गांवों के संबंध में राज्य की संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे ही कही जा सकती है.

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार से क्यों नाराज़ हैं शिक्षकों समेत विभिन्न कर्मचारी संगठन

पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान हुए कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में शिक्षकों, शिक्षा मित्रों आदि के प्रभावित होने पर सरकारी बेरुख़ी से उनके संगठन तो राज्य सरकार से ख़फ़ा हैं, वहीं महामारी के दौरान बढ़ी ज़िम्मेदारियों के बीच सुविधाओं के अभाव को लेकर मनरेगा कर्मी और संविदा एएनएम भी आक्रोशित हैं.

उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था ‘राम भरोसे’: इलाहाबाद हाईकोर्ट

मेरठ ज़िला अस्पताल में भर्ती एक मरीज़ की मौत के बाद शव का निस्तारण ‘अज्ञात’ में कर देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उत्तर प्रदेश इसके लिए तैयार है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर नियंत्रण में है, लेकिन हक़ीक़त कुछ और है

वीडियो: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति इतनी बुरी है कि भाजपा के एक विधायक ने अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि वह बहुत अधिक कहने से डरते हैं, क्योंकि इससे उनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का आरोप लग सकता है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि महामारी की दूसरी लहर नियंत्रण में है.

यूपी: कोविड संकट के बीच क्षेत्र में लगे भाजपा विधायक के लापता होने के पोस्टर

मामला बाराबंकी ज़िले का है, जहां रामनगर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव अद्रा में यहां के भाजपा विधायक शरद अवस्थी के लापता होने के पोस्टर लगे हैं. पोस्टर पर पता बताने वाले को हज़ार रुपये देने की बात कहते हुए लिखा है कि अवस्थी चुनाव के बाद से एक बार भी गांव नहीं आए. गांव की समस्याएं लेकर लोग उनके आवास पर जाते हैं तो वे नहीं मिलते.

उत्तर प्रदेश: कोविड की दूसरी लहर और स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझते पूर्वांचल के अस्पताल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह ज़िले गोरखपुर और आस-पास के तीन ज़िलों- देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर में कोरोना की दूसरी तीव्र लहर के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बुरे हाल हैं. प्रदेश सरकार स्थिति नियंत्रण में होने की बात कह रही है, लेकिन ख़ुद सरकारी आंकड़े इसके उलट इशारा कर रहे हैं.

चुनावों की अनुमति के घातक परिणामों के आकलन में विफल रहे चुनाव आयोग, बड़े कोर्ट और सरकार: कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की लचर तैयारियों पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जब सरकार शहरों में ही कोरोना को नियंत्रित करने की जद्दोजहद कर रही है, तो ऐसे में गांव में कोरोना टेस्टिंग और इलाज काफी मुश्किल काम होगा.

यूपी: ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा कोविड का क़हर, कई गांवों में रोज़ उठ रहे हैं अर्थियां-जनाज़े

कोरोना की पहली लहर देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत प्रभावित नहीं कर पाई थी, लेकिन दूसरी लहर शोक का सागर लेकर आई है. बीते एक पखवाड़े में पूर्वांचल के गांवों में हर दिन कई लोग बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ़ के बाद जान गंवा रहे हैं. जांच के अभाव में इन्हें कोरोना से हुई मौतों के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है.

यूपी: कोविड प्रबंधन में अव्यवस्था को लेकर विधायकों-सांसदों के बाद केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमित मरीज़ों की भर्ती संबंधी अव्यवस्था की शिकायत की है. इससे पहले बरेली के तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री से ज़िले में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, बाईपैप, आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में देरी की शिकायत की थी.

कोविड-19: दो और भाजपा विधायकों ने ऑक्सीजन की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्र लिखा

उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी ज़िले के मोहम्मदी और बस्ती ज़िले के रूधौली से भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि उनके ​यहां कोविड-19 के मामले तेज़ी से फैल रहे हैं और महत्वपूर्ण सुविधाओं के अभाव में लोगों तेजी से मर रहे हैं. भाजपा के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने ने भी डिप्टी सीएम को ऐसा ही पत्र लिखा है.

ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में महामारी से कैसे निपट रही यूपी सरकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया गया कि हाल के समय में सरकार का ध्यान बड़े शहरों पर रहा है और छोटे ज़िले एवं शहर दुर्भाग्य से नज़रअंदाज़ कर दिए गए और मीडिया ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. अब ग्रामीण इलाकों में महामारी का प्रकोप बढ़ते हुए देखा जा रहा है और उचित चिकित्सा सुविधा के अभाव में स्थिति ख़राब हुई है.

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