गोरखपुर शहर सीट पर विपक्ष बेमन से चुनाव लड़ता रहा है. पिछले तीन दशक से सपा, कांग्रेस, बसपा के किसी भी नेता ने इस सीट को केंद्रित कर राजनीतिक कार्य नहीं किया, न ही इसे संघर्ष का क्षेत्र बनाया. हर चुनाव में इन दलों से नए प्रत्याशी आते रहे और चुनाव बाद गायब हो जाते रहे. इसी के चलते भाजपा यहां मज़बूत होती गई.
वीडियो: भारत में महामारी की तीसरी लहर के बीच अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों का संघर्ष जारी है. राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के लेबर चौक इलाके में द वायर के याक़ूत अली ने मज़दूरों का हाल जाना.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश भाजपा में विधानसभा चुनाव के सिलसिले में जो कुछ भी ‘अघटनीय’ घट रहा है, वह दरअसल उसके दो नायकों द्वारा प्रायोजित हिंदुत्व के दो अलग-अलग दिखने वाले रूपों का ही संघर्ष है. योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से दूर किए जाने से साफ है कि अभी तक प्रदेश में योगी की आक्रामकता से मात खाता आ रहा मोदी प्रायोजित हिंदुत्व अब खुलकर खेलने की तैयारी कर रहा है.
साक्षात्कार: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का दावा है 20 जनवरी तक कम से कम डेढ़ दर्जन मंत्री, विधायक भाजपा से इस्तीफ़ा देंगे और समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. आगामी चुनाव के मद्देनज़र उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले अचानक एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है. मुख्य सचिव आरके तिवारी को हटाकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात दुर्गाशंकर मिश्रा को यह ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है. क्या यह माना जाए कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव की कमान अपने हाथ में रखने का फैसला किया है, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के कई मंत्रियों के विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफ़ा देने के मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला, मनोज सिंह और द वायर के अजय आशीर्वाद के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
योगी सरकार में वन मंत्री और मऊ की मधुबन सीट से विधायक दारा सिंह चौहान ने कहा कि वे पिछड़ों, किसानों और बेरोज़गार युवाओं के प्रति सरकार की उपेक्षा के चलते इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उधर, इससे पहले पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर की एक अदालत ने सात साल पुराने मामले में गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
वीडियो: कृषि क़ानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों में आक्रोश है. क्या जाट और मुसलमान एकजुट होकर वोटों से योगी सरकार को नुकसान पहुंचा पाएंगे? मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद क्या स्थिति है? इंडियन फार्मर्स यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को दिए इंटरव्यू में इन सभी सवालों के जवाब दिए.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह अपने 15 महीनों के कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं. फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उन पर अनियमितता, मनमाने निर्णयों और शिक्षकों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अदालत में 5,000 पन्नों आरोप-पत्र दाख़िल किया है. यह पिछले साल तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच कर रहा विशेष जांच दल भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ़ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में कुल छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुका है. इस हिंसा में चार किसानों की भी मौत हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे मुख्य आरोपी है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने कि मिठास के लिए मशहूर है लेकिन ये मिठास काफ़ी समय से कम हो गई है. इसका कारण है किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर न होना. द वायर की टीम बागपत की मलकपुर चीनी मिल गई और यहाँ पर गन्ना किसानों से बातकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की.