वीडियो: उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के कई मंत्रियों के विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफ़ा देने के मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला, मनोज सिंह और द वायर के अजय आशीर्वाद के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
योगी सरकार में वन मंत्री और मऊ की मधुबन सीट से विधायक दारा सिंह चौहान ने कहा कि वे पिछड़ों, किसानों और बेरोज़गार युवाओं के प्रति सरकार की उपेक्षा के चलते इस्तीफ़ा दे रहे हैं. उधर, इससे पहले पार्टी छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर की एक अदालत ने सात साल पुराने मामले में गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
वीडियो: कृषि क़ानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों में आक्रोश है. क्या जाट और मुसलमान एकजुट होकर वोटों से योगी सरकार को नुकसान पहुंचा पाएंगे? मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद क्या स्थिति है? इंडियन फार्मर्स यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को दिए इंटरव्यू में इन सभी सवालों के जवाब दिए.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह अपने 15 महीनों के कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं. फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उन पर अनियमितता, मनमाने निर्णयों और शिक्षकों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अदालत में 5,000 पन्नों आरोप-पत्र दाख़िल किया है. यह पिछले साल तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच कर रहा विशेष जांच दल भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ़ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में कुल छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुका है. इस हिंसा में चार किसानों की भी मौत हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे मुख्य आरोपी है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने कि मिठास के लिए मशहूर है लेकिन ये मिठास काफ़ी समय से कम हो गई है. इसका कारण है किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर न होना. द वायर की टीम बागपत की मलकपुर चीनी मिल गई और यहाँ पर गन्ना किसानों से बातकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की.
वीडियो: मुज़फ़्फ़रनगर के जौला गांव के निवासी ग़ुलाम मोहम्मद जौला 80 के दशक में भारतीय किसान यूनियन की स्थापना के समय महेंद्र सिंह टिकैत के साथ थे. साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों ने जाटों और मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा कर दी थी, जो अब सात साल बाद भी दिखाई दे रही है. यूपी चुनाव से पहले इन मसलों पर 85 वर्षीय ग़ुलाम मोहम्मद से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी, नूह नारवी, तेग इलाहाबादी, शबनम नकवी और राशिद इलाहाबादी के नाम में ‘इलाहाबादी’ की जगह ‘प्रयागराज’ लिखा पाया गया था. आयोग का कहना है कि वेबसाइट को हैकर्स ने निशाना बनाकर इस तरह की छेड़छाड़ की.
वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान आंदोलन का केंद्र रहा है और उत्तर प्रदेश चुनाव की कुंजी भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथ में है. क्या जाट-मुस्लिम समीकरण फिर सेभाजपा की हर की वजह बनेगा.
नीति आयोग ने बताया कि यह रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.
वीडियो: बीते दिनों आयकर विभाग के अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी के दो नेताओं और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के सहयोगी के घरों पर छापेमारी की. तलाशी उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले आती है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने की उम्मीद है.