जम्मू कश्मीर का भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरि सिंह के पुत्र कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि दो प्रमुख पार्टियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को राष्ट्र विरोधी कहकर खारिज कर देना सही नहीं है. दोनों दलों के नेताओं को रिहा करना चाहिए और बातचीत की शुरुआत करनी चाहिए.
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने अपील की है कि दक्षिण एशियाई देश, अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपने मतभेद भुलाकर कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालें.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का कदम उठाए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कश्मीर घाटी के शोपियां में कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए तस्वीर सामने आई है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त करने के फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल इस फैसले को विश्वासघात बता रहे हैं तो कल्पना कीजिए जम्मू कश्मीर के लाखों आम लोग क्या सोचते होंगे.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक है.
कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला द्वारा दायर याचिका में राज्य की जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करने और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को रिहा करने की भी मांग की गई है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के मोदी सरकार के फैसले पर जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की जनरल सेक्रेटरी शेहला राशिद और वर्ल्ड बैंक की सलाहकार अनीसा दराबू से चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में बांटने का फैसला किया है. इस मुद्दे प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले के बाद घाटी में पाबंदियों के बीच नूरबाग इलाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इलाके में प्रदर्शन हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें छह लोग जख्मी हुए हैं.
मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.
कश्मीर घाटी में रह रहे अपने परिवार से बात न होने पाने की वजह से लोग चिंतित. लोगों का कहना है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने ऐसा फैसला किया है जिससे शांति स्थापित होने की जगह आक्रोश और भड़केगा.
देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.
जिन राज्यों के लिए अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं, उनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं और विशेष दर्जा उनकी जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है.